मणिमहेश से लौट रहे यात्री की पत्थर लगने से मौत
हिमाचल बिजनेस/ भरमौर
हड़सर-मणिमहेश पैदल मार्ग पर दुनाली के समीप पत्थर लगने से मणिमहेश से लौट रहे एक श्रद्धालु की मौत हो गई। फिलहाल मृतक की पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पहचान के लिए सिविल अस्पताल भरमौर की मार्चेरी में रखवा दिया है। पुलिस ने मृतक के मोबाइल फोन को कब्जे में ले लिया है।
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मृतक के पास मिला मोबाइल फोन
चंबा पुलिस को सूचना मिली कि दुनाली के पास पत्थर लगने से मणिमहेश यात्रा पर निकले श्रद्धालु की मौत हुई है। इस पर पुलिस टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में ले लिया है। पुलिस को शव की तलाशी के दौरान ऐसा कोई दस्तावेज नहीं मिला, जिससे पहचान संभव हो पाए। पुलिस को मृतक के पास केबल मोबाइल फोन मिला है।
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मोबाइल पर पैटर्न लॉक
मोबाइल पर पैटर्न लॉक होने के चलते उसे खोला नहीं जा सका। पुलिस मोबाइल को कब्जे में लेकर लॉक खुलवाने की कार्रवाई में जुट गई है।
मणिमहेश यात्रा के दौरान इस पैदल मार्ग पर श्रद्धालु की मौत होने की यह दूसरी घटना है। इससे पहले दिल्ली के एक श्रद्धालु की तबीयत बिगडऩे से मौत हो चुकी है। एसपी चंबा अभिषेक यादव ने दुनाली के पास पत्थर लगने से श्रद्धालु की मौत होने की पुष्टि की है।
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बारिश ने रोके भक्तों के कदम
मणिमहेश यात्रा के अधिकारिक तौर पर आरंभ होने के पहले दिन ही भरमौर क्षेत्र में हुई भारी बारिश के चलते प्रशासन को कुछ घंट के लिए यात्रा को अस्थायी तौर पर रोकना पड़ा।
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सोमवार रात को हड़सर से डल झील की ओर श्रद्धालुओं को जाने से रोकना पड़ा, जबकि स्नान कर वापस लौटने वाले श्रद्धालुओं की आवाजाही जारी रही।
पैदल चलने में फिसलन
जन्माष्टमी पर्व के छोटे शाही न्हौण में उमडी अप्रत्याशित भीड़ के बीच भारी बारिश से पैदल रास्ते में भी फिसलन हो गई थी। झील के अलग-अलग पड़ावों से सुरक्षित हड़सर तक पहुंचाने के लिए प्रशासन को यह कदम उठाना पड़ा है।
भीड़ के आगे छोटे पड़े रास्ते
मणिमहेश यात्रा के छोटे न्हौण में उमड़ी श्रद्धालुओं की अथाह भीड़ के आगे हड़सर से मणिमहेश तक के पैदल रास्ते भी छोटे पड़ गए। श्रद्धालुओं को एक कदम आगे बढ़ाने के लिए 5 से 10 मिनट का इंतजार करना पड़ा।
इस तरह श्रद्धालु घंटों रास्ते में फंस रहे हैं। श्रद्धालुओं को 2 से 3 घंटे का रास्ता 10 से 12 घंटे में तय करना पड़ रहा है।
सभी इंतजाम बौने साबित
हड़सर से आगे पुलिस-प्रशासन द्वारा किए गए इंतजाम बौने साबित हो रहे हैं। चुनिंदा पुलिस कर्मियों के सहारे भीड़ को नियंत्रित करना सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है। जन्माष्टमी पर्व के छोटे स्नान के लिए डल झील पहुंचे लाखों श्रद्धालु वापस लौटते समय अलग-अलग स्थानों पर रास्ते में फिसलन के कारण फंस गए।
राधा अष्टमी को बड़ा स्नान
कृष्ण जन्मअष्टमी को मनीमहेश झील पर छोटा स्नान होता है, जबकि उसके 15 दिन बाद राधा अष्टमी के दिन बड़े स्नान के बाद यह यात्रा सम्पन्न हो जाती है। इस दौरान लाखों यात्री मणिमहेश झील पर पवित्र स्नान करने पहुँचते हैं।
इस बार जिस तरह से इस यात्रा को लेकर यात्रियों की भीड़ उमड़ रही है, उससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस बार बड़े स्नान के दौरान रिकॉर्ड भीड़ जुटेगी। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था और यातायात व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस को खूब पसीना बहाना पड़ेगा।
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