लेफ्टिनेंट नर्सिंग ऑफिसर बनीं हिमाचल की पांच बेटियां

लेफ्टिनेंट नर्सिंग ऑफिसर बनीं हिमाचल की पांच बेटियां

हिमाचल बिजनेस टीम/

हिमाचल प्रदेश की वीरभूमि अथवा सैनिकों का प्रदेश कहा जाता है। इस प्रदेश में पीढ़ी दर पीढ़ी भारतीय सेना में जाने का जज्बा बरकरार है। युवाओं के बराबर ही हिमाचल की युवतियां भी भारतीय सेना में अफसर बनने की दौड़ में खुद को साबित कर रही हैं।

हाल ही में प्रदेश की पांच बेटियां बतौर लेफ्टिनेंट नर्सिंग ऑफिसर भारतीय सेना में शामिल हुई हैं। इस शानदार कामयाबी के साथ ही आम घरों की यह बेटियां खास बन गई हैं।

पिता वैल्डर, बटी सेना में अफसर

कांगड़ा जिला के उपमंडल बैजनाथ की के दूर दराज छोटा भंगाल के कोठी कोहड़ गांव के एक साधारण परिवार की युवती एकता ठाकुर भारतीय सेना में बतौर लेफ्टिनेंट चयनित हुई है। उसके पिता संजय कुमार वैल्डिंग का काम करते हैं और माता मंजू देवी गृहिणी हैं।

क्रिसेंट पब्लिक स्कूल बीड़ से 10वीं और भारतीय विद्यापीठ से जमा दो करने के बाद चामुंडा इंस्टीच्यूट ऑफ नर्सिंग से बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई की।

जनवरी में उनका चयन भारतीय सेना के मैडीकल विंग में लेफ्टिनेंट नर्सिंग ऑफिसर हुआ। 16 सितंबर से एकता ठाकुर आर्मी अस्पताल पुणे में इस पद पर सेवाएं देंगी।

शिक्षक पिता की बेटी बनी आर्मी अफसर

हमीरपुर जिला की टौणीदेवी तहसील के ऊहल गांव की शिप्रा ठाकुर का चयन भारतीय सेना में बतौर लेफ्टिनेंट नर्सिंग ऑफिसर हुआ है। शिप्रा ठाकुर के पिता रामनाथ ठाकुर सरकारी स्कूल में अध्यापक हैं, जबकि माता निशि किरण ठाकुर गृहिणी हैं।

शिप्रा ठाकुर ने टांडा मेडिकल कॉलेज से जीएनएम का कोर्स करने के बाद लॉर्ड महावीर कॉलेज ऑफ नर्सिंग से पोस्ट बेसिक कंप्लीट की और एमएससी नर्सिंग बेंगलुरु से पूरी की। शिप्रा ठाकुर को शुरू से ही सेना में जाने का शौक था, जिसके लिए उसने निरंतर प्रयास किया और अपनी कड़ी मेहनत के बलबूते ये मुकाम हासिल किया। शिप्रा ठाकुर को मिलिट्री अस्पताल गंगटोक में 16 सितबर से सेवाएं शुरू करेगी।

नादौन की आकांक्षा की मेहनत लाई रंग

हमीरपुर जिला के नादौन उपमंडल के तरेटी गांव की आकांक्षा शर्मा का चयन भारतीय सैन्य सेवा विशाखापट्टनम में लेफ्टिनेंट नर्सिंग ऑफिसर के पद पर हुआ है। आकांक्षा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा राजकीय वरिष्ठ स्कूल जलाड़ी से की। वह हमेशा से सपना देखती थी और उन्होंने इस लक्ष्य को पाने के लिए दिन-रात मेहनत की।

आकांक्षा का चयन उन सभी युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा है, जो भारतीय सेना में सेवा करने का सपना देखती है। आकांक्षा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता व शिक्षकों को देती है।

सुजानपुर टीहरा की दीपिका की चमक

हमीरपुर जिला के सुजानपुर टीहरा की ग्राम पंचायत बीड बगेहड़ा के गांव पुआड की दीपिका राणा कोलकाता में बतौर लेफ्टिनेंट नर्सिंग ऑफिसर अपनी सेवाएं देगी।

दीपिका की प्रारंभिक पढ़ाई स्थानीय सरकारी स्कूल से ही हुई। इसके बाद दीपिका आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली चली गई। दिल्ली के लक्ष्मी बाई कॉलेज ऑफ नर्सिंग से बीएससी नर्सिंग की की है।

जिसके बाद अब दीपिका का चयन सेना में हुआ है। दीपिका कोलकाता के बेस हॉस्पिटल बैरकपुर में लेफ्टिनेंट नर्सिंग ऑफिसर के रूप में सेवाएं देंगी। दीपिका की बड़ी बहन सपना राणा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में नर्सिंग ऑफिसर हैं।

सरकारी स्कूल में पढ़ी नवज्योति बनी लेफ्टिनेंट

बिलासपुर जिला की सोलधा गांव नवज्योति की नियुक्ति भारतीय सेना में बतौर लेफ्टिनेंट नर्सिंग ऑफिसर हुई है। नवज्योति के पिता रमेश अवस्थी इंजीनियर हैं और मां उर्मिला अवस्थी गृहिणी हैं।

नवज्योति भारतीय सेना में सेवाएं देने वाली अपने गांव की पहली लड़की है। लोगों का मानना है कि सरकारी स्कूल से पढ़ी नवज्योति गांव की अन्य लड़कियों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत बनेगी और नवज्योति को देख कर गांव की बेटियों को भी आगे बढ़ने का मकसद मिलेगा। नवज्योति के भारतीय सेना में चयन होने पर उसकी मां उर्मिला अवस्थी काफी खुश हैं।

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