शिमला में लेडी कर्जन का फोटो सैशन, लंदन के अखबार में पब्लिश
हिमाचल बिजनेस/ शिमला
इतिहास के पन्नों को पलटने पर ब्रिटिश शिमला के कई किस्से जीवंत हो उठते हैं। महाराजा पटियाला से जुड़े शिमला के कई किस्से शिमला आने वाले देश- विदेश के सैलानियों के सफर को यादगार बना देते हैं।
वायसराय लॉर्ड कर्जन की पत्नी लेडी कर्जन का भारतीय महारानी की पोशाक में फोटो सैसन और फिर कुछ दिनों के बाद इंगलैंड के एक नामी अखबार में उस फोटो के प्रकाशन का किस्सा भी महाराजा पटियाला से जुड़ा है।
महाराजा पटियाला के शिमला में तीन घर
महाराजा पटियाला के शिमला में तीन आलीशान घर थे। वर्तमान में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री का सरकारी निवास ओकओवर भी महाराजा पटियाला का एक घर था। ओक ओवर के सामने स्थित पंजाब सरकार का गेस्ट हाउस ‘सिडार’ उनका दूसरा घर था। शिमला में उनका तीसरा घर रॉकवुड था।
महाराजा का अनुरोध, लेडी कर्जन पहुंची ओके ओवर
दीवान जरमनी दास अपनी किताब ‘महाराजा’ में लिखते हैं कि महाराजा पटियाला, महाराजा कपूरथला और महाराजा धौलपुर ने एक बार भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड कर्जन की पत्नी लेडी कर्जन को ओकओवर में रात के समय राजसी हीरे-जवाहरात और शाही पोशाकों को देखने के लिए बुला लिया।
महाराजाओं से लेडी कर्जन से इतनी मित्रता बढ़ गई थी कि दावत में अकेले ही आईं। उन्होंने लेडी कर्जन को महारानी की शाही पोशाक पहनने का आग्रह किया, जिसे लेडी कर्ज़न ने स्वीकार कर लिया। लेडी कर्जन इन सब चीजों को देखकर हैरान रह गईं।
लेडी कर्जन ने पहनी महारानी की पोशाक
बेशकीमती आभूषण और शानदार पोशाकें खूबसूरत महिलाओं की कमजोरी होती है, महाराजा इस बात को बखूबी जानते थे। शाही पोशाक के साथ उन्हें कीमती मोतियों की मालाएं पहनाई गई। सिर पर रत्नजड़ित मुकुट सजाया गया। लेडी कर्ज़न को दिये गए उपहारों में यूजीन नाम का प्रसिद्ध हीरा भी शामिल था।
तीनों राजाओं ने राजसी पोशाक पहने लेडी कर्जन की खूबसूरती के जमकर पुल बांधे और बाद में उनका एक फोटो भी खिंचवा दिया। उस समय के जाने-माने फोटोग्राफर लाला दीनदयाल को महाराजाओं ने पहले से ही ओकओवर में बुला रखा था।
लंदन के अखबार में छ्पी फोटो, शिमला आगमन पर प्रतिबंध
यहां तक तो सब ठीक रहा, लेकिन बात तब बिगड़ी जब कुछ दिनों के बाद इंगलैंड के एक नामी अखबार में लेडी कर्जन का भारतीय महारानी की पोशाक वाला फोटो प्रकाशित हो गया।
इस फोटो के प्रकाशित होते ही ब्रिटिश शासक इतने क्रोधित हुए कि महाराजा पटियाला, महाराजा कपूरथला और महाराजा धौलपुर के शिमला प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया। तीनों राजाओं को शिमला आने के लिए वायसराय की मंजूरी जरूरी थी, लेकिन आमतौर पर यह मंजूरी नहीं दी जाती थी।
चैल में बसा दिया नया शहर
महाराजा पटियाला राजिंदर सिंह को उनके शिमला आने पर प्रतिबंध का वायसराय का रवैय्या काफी चुभ गया। महाराजा पटियाला ने शिमला– कालका मार्ग पर कंडाघाट से उन्नीस मील के फासले पर नया शहर चैल बसा दिया और इसे अपनी रियासत की गर्मी की राजधानी घोषित कर दिया।
चैल में सात हजार फुट की ऊंचाई पर पहाड़ों को काटकर एक सुंदर क्रिकेट मैदान बनाया का निर्माण किया गया। ब्रिटिश, ऑस्ट्रेलियन और भारतीय टीमें इस मैदान पर क्रिकेट मैच खेला करती थीं।
चैल में आने लगे ब्रिटिश मेहमान
राजाओं ने शिमला को छोड़ चैल में प्रवास शुरू कर दिया। शाही दावतों का सिलसिला यहां भी चलता रहा। अब अंग्रेज अफसरों और उनकी बीबियों को चैल और शाही खातिरदारी का दोहरा आकर्षण अपनी ओर खींचने लगा।
दीवान जरमनी दास लिखते हैं कि कई ब्रिटिश अफसर और उनकी मेमें चैल पहुंचने लगे और शिमला की जगह अब चैल में महफिलें सजने लगीं।
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