संजय से सीखो समाजसेवा के लिए समर्पण

संजय से सीखो समाजसेवा के लिए समर्पण
संजय शर्मा।

हिमाचल बिजनेस/ धर्मशाला

आइये आपको मिलवाते हैं, समाजसेवा को समर्पित हिमाचल प्रदेश के एक ऐसे फरिश्ते से जो पिछले डेढ़ दशक से निरंतर अपने मिशन में जुटा है और प्रदेश के विभिन्न स्थानों को हजारों जरूरतमंदों के लिए मददगार साबित हुआ है।

प्रदेश में कहीं भी किसी भी तरह की आपदा- विपदा से जूझ रहे हाशिये पर खड़े किसी भी व्यक्ति की सूचना मिलते ही वह पीड़ित के घर पहुंच कर तात्कालिक मदद करता है।

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समाजसेवा के साथ सोशल मीडिया को अपना हथियार बना कर व्यवस्था की पोल खोल कर प्रशासन और सत्ता को उक्त व्यक्ति को राहत पहुंचाने के लिए मजबूर कर देता है। इस प्रेरककथा का नायक है संजय शर्मा।

‘टीम बड़का भाऊ’

कांगड़ा जिला की जयसिंहपुर तहसील के हलेड़ गांव के संजय शर्मा पिछले एक डेढ़ दशक से समाजसेवा को समर्पित हैं। समाजसेवा का जज्बा ऐसा कि वह जरूरतमंदों की न केवल आर्थिक मदद करते हैं, बल्कि जरूरतमंद लोगों के प्रशासनिक कार्यों को करवाने के लिए भी हरदम तैयार रहते हैं।

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संजय शर्मा के साथ युवाओं की एक टीम काम करती है, जिसे ‘टीम बड़का भाऊ’ का नाम दिया गया है। समाजसेवा के प्रति उनके समर्पण को देखते हुए प्रदेश के हर जिले में हजारों युवा  उनके सीधे संपर्क में रहते हैं।

समाजसेवा के साथ ही संजय शर्मा सियासी बंदरबांट पर नेताओं को, व्यवस्था में खामियों पर प्रशासन को और कुरीतियों पर समाज को हड़काने में में कोई कोर कसर नहीं रखते हैं।

25 लाख लोगों से सीधा संवाद

संजय शर्मा समाजसेवा के लिए जितना जुनूनी हैं, सोशल मीडिया पर सामाजिक मुद्दों को लेकर उतने ही एक्टिव हैं। वे पीड़ितों के विभिन्न मामलों के अलावा विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर मुखर रहते हैं।

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उनका कहना है कि उन्हें एक समय में 25 लाख से जायादा लोग देखते हैं और हजारों लोग अपनी प्रतिक्रिया देते हैं। पहले वे मुख्यधारा के मीडिया में मसलों को खूब उठाते थे। अब सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के चलते वे सोशल मीडिया के जरिये अपनी बात प्रमुखता से रखते हैं।

फर्जी केसों में फंसाने की साजिश

समाजसेवा और बेहतर समाज के निर्माण के लिए संजय शर्मा की दबंगता और जुनून कई बार उनके लिए परेशानी का सबब बना और कई फर्जी केसों का सामना करना पड़ा है।

संजय शर्मा का कहना है कि समाजसेवा के चलते उनके बढ़ते प्रभाव के कारण कांगड़ा के कुछ नेताओं ने उनके खिलाफ षड़यंत्र बुने और झूठे केसों में फंसा कर उनके चरित्रहनन की कोशिश की।

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वे कहते हैं कि लोगों की दुआओं का असर है कि साजिश बुनने वालों के मंसूबे नाकाम साबित हुये और सच की जीत हुई। बिना डरे, बिना रुके समाजसेवा के लिए मिशन निरंतर जारी है।

फौजी पिता से मिली सीख

नायब सूबेदार स्वर्गीय योगेंद्र लाल शर्मा के घर 22 दिसंबर 1970 को पैदा हुए संजय शर्मा का कहते हैं कि परोपकार की पहली सीख उन्हें अपने घर से मिली। पिता जरूरतमंदों के लिए अपनी पेंशन का बड़ा भाग दान कर दिया करते थे।

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पिता से प्रेरित होकर ही उन्होंने उस परम्परा को आगे बढ़ाने का बीढ़ा उठाया। वह कहते हैं कि समाजसेवा करने में सकून मिलता है, इसलिए वह हर दम लोगों के लिए समर्पित रहते हैं।

राहुल ब्रिगेड के गठन का किस्सा

समाजसेवा को समर्पित संजय शर्मा उस एक दशक पहले समय राजनीतिक सुर्खियों में आए थे, जब वह राहुल ब्रिगेड की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष बने और राहुल ब्रिगेड को खड़ा कर हजारों युवाओं को इस मंच से जोड़ा था। बाद में इस मंच को लेकर पार्टी संगठन में उपजे विवाद के बाद उन्होंने इस मंच से गतिविधियों को संचालित करना बंद कर दिया था।

कुछ समय के लिए प्रदेश कांग्रेस ने उन्हें बैजनाथ विधानसभा क्षेत्र का प्रभारी भी नियुक्त किया था। फिर वे प्रदेश कांग्रेस किसान सैल के महासचिव रहते हुए किसानों के मुद्दों पर अपनी ही सरकार को आंखें दिखाते रहे थे। अब उन्होंने खुद को राजनीतिक मंच से दूर कर लिया है।

 

 

 

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