सफेद संगमरमर के मंदिर में राधा-कृष्ण विराजमान

सफेद संगमरमर के मंदिर में राधा-कृष्ण विराजमान
सफ़ेद संगमरमर से बना राधा- कृष्ण मंदिर।

हिमाचल बिजनेस/ बड़ोह (नगरोटा बगवां)

श्री कृष्ण और उनकी प्रेमिका राधा को समर्पित बाबा बड़ोह स्थित मंदिर उत्तरी भारत का एक ऐसा मंदिर है, जो सफेद संगमरमर से बना हुआ है। नगरोटा बगवां उपमंडल के बडोह कस्बे में स्थित सफेद संगमरमर से बना प्रदेश का यह सबसे बड़ा मंदिर श्रीकृष्ण और उनकी प्रेमिका राधा को समर्पित है।

मुख्य मंदिर में श्री राधा और कृष्ण की प्रतिमा स्थापित है। मंदिर में शिव, दुर्गा और हुनमान की मूर्तियां भी स्थापित की गई हैं। मंदिर के अंदर रखी दुर्गा की मूर्ति धातु की बनी हुई है।

यह मंदिर निर्माणकला का अद्भुत नतीजा है। हिमाचल प्रदेश में पूरी तरह संगमरमर से निर्मित इतना बड़ा दूसरा मंदिर कहीं नहीं है। स्थानीय निवासी एवं दिल्ली के बड़े व्यवसायी बीआर शर्मा ने इस मंदिर का निर्माण करवाया है।

कृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष आयोजन

सफेद संगमरमर से बने इस मंदिर में हर साल दूर- दूर से कृष्ण के अनुयायी दर्शन करने आते हैं। मंदिर में नियमित तौर पर भजन-कीर्तन के कार्यक्रमों के आयोजन के चलते वहां खूब चहल-पहल रहती है। कृष्ण जन्माष्टमी, नवराव और धार्मिक उत्सवों के दौरान मंदिर में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

बाबा बड़ोह का मंदिर न केवल स्थानीय लोगों की आस्था का केंद्र है, बल्कि देश-विदेश के पर्यटक भी शहर की चकाचौंध से दूर स्थित इस मंदिर बेहतरीन शिल्पकारी से बंधे चले आते हैं। कृष्ण जन्माष्टमी पर 26- 27 अगस्त को यहां विशेष आयोजन होगा, जिसके लिए मंदिर को सजाया जा रहा है।

मंदिर के चलते पर्यटन को पंख

सफेद संगमरमर के इस मंदिर के कारण नगरोटा बगवां विधानसभा क्षेत्र का यह चंगर क्षेत्र पर्यटन स्थल के तौर पर अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहा है। पिछले एक दशक में यह ग्रामीण क्षेत्र एक कस्बे के तौर पर विकसित हुआ है तो इसमें इस मंदिर की भी अहम भूमिका रही है।

आधारभूत सुविधाओं के अभाव के बावजूद अगर यह कस्बा कांगड़ा के पर्यटन मानचित्र पर अपनी जगह बनाने में कामयाब हुआ है तो इसमें मंदिर की वजह से विकसित हुए धार्मिक पर्यटन का अहम रोल रहा है।

मंदिर के बहाने शानदार सैर

बाबा बडोह कस्बा इसलिए भी कांगड़ा में आने वाले पर्यटकों की नजरों में चढ़ रहा है कि यह शहरी चकाचौंध से दूर अभी तक अपने ग्रामीण परिवेश को बनाए हुए है। सफेद संगमरमर से बने मंदिर तक पहुंचने तक पर्यटकों को ग्रामीण अंचल की झलक मिलती है। यहां से सामने स्थित धौलाधार के खूबसूरत नजारों का आनंद लिया जा सकता है।

मंदिर तक के रास्ते में पछियों की मनमोहक आवाजें सुनी जा सकती है। यहां से अस्त होते सूरज को देखने का अपना ही आनंद है। पर्यटक इस नजारे का आनंद लेना नहीं भूलते हैं। बढ़ते पर्यटकों के चलते इस क्षेत्र में कारोबार की कई नई संभावनाएं भी जन्म ले रही है।

देश-दुनिया से पहुंच रहे अनुयायी

बेशक मंदिर तक पहुंचने के लिए सड़क व्यवस्था में अभी काफी सुधार की जरूरत है, बावजूद इसके मंदिर में आने वाले लोगों की संख्या में हर साल बढ़ोतरी हो रही है।

मंदिर के पुजारी कहते है कि देश के हर हिस्से से कृष्ण के अनुयायी इस मंदिर के दर्शन के लिए यहां पहुंच रहे हैं और इसके चलते यह क्षेत्र विकसित हो रहा है।

ऐसे पहुंचें मंदिर तक

जिला मुख्यालय धर्मशाला से नगरोटा पहुंच कर बड़ोह रोड से सफेद संगमरमर के इस मंदिर के लिए टैक्सी अथवा बस सुविधा उपलब्ध है। पठानकोट से ब्रॉडगेज ट्रेन से आने वाले यात्री समलोटी स्टेशन तक ट्रेन से भी पहुंच सकते है। कांगड़ा से होते हुए भी यहां पहुंचा जा सकता है।

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