संघर्ष से सफलता की मिसाल, मिट्टी से उठकर आसमान छूने का कामल, इंजीनियर विजय चौधरी की प्रेरककथा

संघर्ष से सफलता की मिसाल, मिट्टी से उठकर आसमान छूने का कामल, इंजीनियर विजय चौधरी की प्रेरककथा
सत्य प्रकाश / हमीरपुर
यह प्रेरक सत्यकथा सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि उस पीढ़ी की है, जो सपने देखती है, संघर्ष करती है और संकल्प के साथ उन्हें साकार भी करती है। संघर्ष से सफलता की इस कहानी के नायक है इंजीनियर विजय चौधरी, जो मुख्यमंत्री सुखबिन्द्र सिंह सुक्खू के गृह जिला हमीरपुर में लोक निर्माण विभाग के सबसे बड़े सर्कल की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं और उनके पास विभाग के हमीरपुर जोन के मुख्य अभियंता की अतिरिक्त कार्यभार भी है। ईमानदारी, मेहनत और प्रतिभा से उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है। विजय चौधरी उन युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं, जो सीमित संसाधनों के बावजूद कड़ी मेहनत के दम पर ऊंचाइयों को छूना चाहते हैं।
व्यक्तिगत जीवन में भी विजय चौधरी ने कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन हर परिस्थिति में संयम और सकारात्मक सोच को बनाए रखा। विभाग में साफ छवि, शानदार व्यक्तित्व और काम के प्रति समर्पण जैसे खास गुणों के चलते अपनी कार्यशैली में पारदर्शिता, समयबद्धता और योजनाओं का कुशल प्रबंधन से खास पहचान बनाई है। प्रदेश की पिछली जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली सरकार में उन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री के होम डिस्ट्रिक्ट मंडी के अधीक्षण अभियंता जैसे अति महत्वपूर्ण पद पर तैनात किया था।
स्कॉलरशिप से पढ़ाई, पढ़ाई के लिए ट्यूशन पढ़ाई
विजय चौधरी का जन्म कांगड़ा जिला के एक साधारण किसान परिवार में हुआ, जिसका पौंग बांध के चलते पलायन हुआ और राजा के तालाब में आकर बस गया। उनकी स्कूली शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल में हुई, लेकिन उनके भीतर शुरू से ही कुछ कर दिखाने की ललक थी। जमा दो की बोर्ड परीक्षा में 6वां रैंक हासिल कर अपने इरादे जाहिर कर दिये। ग्रामीण पृष्ठभूमि और सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
उनकी प्रतिभा को पहचान मिली, जब उन्हें स्कॉलरशिप के बल पर प्रतिष्ठित एनआईटी और आईआईटी जैसे संस्थानों में पढ़ाई का अवसर मिला। विजय चौधरी ने स्कॉलरशिप का भरपूर उपयोग किया और पढ़ाई के दौरान ट्यूशन पढ़ाकर अपने जीवन-यापन और पढ़ाई के ख़र्चे पूरे किए। यही संघर्ष आगे चलकर उनकी सबसे बड़ी ताकत बना।
दिल से किया काम, चमकने लगा नाम
हुड़को और सीपीडब्लयूडी में सेवाएं देने के बाद विजय चौधरी ने साल 1996 में हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग में इंजीनियरिंग सेवा में प्रवेश किया। साल 1997 से लगातार विभिन्न पदों पर कार्य करते हुए उन्होंने प्रशासनिक और तकनीकी दक्षता का परिचय दिया। उन्होंने कई जिलों में अधिषाशी अभियंता और फिर अधीक्षण अभियंता के रूप में कार्य किया। वे जहां भी, जिस पद पर भी रहे हैं, कार्य के प्रति समर्पण से वहां अपनी गहरी छाप छोड़ी।
विजय चौधरी ने पीडब्लयूडी के कार्यस्थलों पर ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम लागू किया, जिससे कार्यों की गति बढ़ी, बल्कि विभागीय पारदर्शिता में भी सुधार हुआ। उन्होंने अपने अधीनस्थ अभियंताओं को तकनीक समर्थ बनाकर भविष्य की नींव रखी है। प्रदेश के कई सरकारी भवन उनकी इंजीनियरिंग प्रतिभा की मुंह बोलती तस्वीर है।
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