बैम्बू म्यूजियम : पालमपुर में 100% बांस से हुआ अनूठा भवन, जहां फर्नीचर से लेकर कटलरी तक सब कुछ है बांस का

बैम्बू म्यूजियम : पालमपुर में 100% बांस से हुआ अनूठा भवन, जहां फर्नीचर से लेकर कटलरी तक सब कुछ है बांस का
बैम्बू म्यूजियम : पालमपुर में 100% बांस से हुआ अनूठा भवन, जहां फर्नीचर से लेकर कटलरी तक सब कुछ है बांस का
हिमाचल बिजनेस/ पालमपुर
उत्तरी भारत का इकलौता बैम्बू म्यूजियम (बांस म्यूजियम) हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला के पालमपुर में है। हिमालय जैव संसाधन प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर में यह म्यूजियम बांस से ही तैयार किया गया है। भारत में पाई जाने वाली 125 वैरायटियों में से 50 अलग-अलग वैरायटीज से बने कई तरह के आइटम इस म्यूजियम की शान हैं। बांस से कितनी तरह के आइटम बनाए जा सकते हैं, यह म्यूजियम इसका बेहतरीन नमूना है। यहां बांस का रेशा भी संग्रहित किया गया है, जिससे कपड़ा तैयार किया जा रहा है।
फर्श पर बांस की टाइल्स, बांस की ही फाल्स सीलिंग
म्यूजियम की छत, फर्श, दीवार और पिल्लर बांस से बने हैं। दरवाजे भी बांस के ही हैं। फर्श के लिए एक खास तरह के बांस का इस्तेमाल किया गया है। बांस की इस वैरायटी का इस्तेमाल आज टाइल्स बनाने में भी किया जा रहा है। यहां बांस से बना हर तरह का फर्नीचर भी रखा गया है। कुर्सी- टेबल भी बांस की बनी हैं।
बांस के पिल्लर पर बांस की पतली-पतली कतरन को बड़ी ही खूबसूरती से लपेटा गया है। छत पर फाल्स सीलिंग की तरह खूबसूरत बांस से बनी चटाईनुमा चादर लगाई गई है।
बांस से बने बर्तनों में चाय- नाश्ता
इस मूजियम में बांस से बना जग, पानी की बोतल, गिलास, टी मग और चम्मच प्रदर्शित किए गए हैं। यहां बांस से बनी ट्रे, लैम्प शेड, हैट साहित दर्जनों आइटम प्रदर्शित किए गए हैं। म्यूजियम में जहां बाजार से सब्जी-फल लाने के लिए बांस की टोकरी मौजूद हैं, वहीं बांस की चटाई और कोस्टर भी रखे हुए हैं।
बता दें कि भारत में बांस की करीब 125 प्रजातियां पाई जाती हैं। हिमालय जैव संसाधन प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर बांस पर रिसर्च करता है। संस्थान में ही बांस के करीब 50 तरह के अलग-अलग पेड़ लगे हुए हैं।
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Jyoti maurya

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