Banking : देवता देते हैं भक्तों को सस्ता लोन
हिमाचल बिजनेस कंटेन्ट/ नाहन
देवभूमि हिमाचल में यूं तो कई बड़े बैंक मौजूद है, जो साल में करोड़ों का कर्ज देते हैं। बहुत सारा पेपरवर्क, गारंटर वगैरह कई झंझट होते हैं, लेकिन प्रदेश के चार जिलों में एक बैंक ऐसा भी है जहां आसानी से हर जरूरतमंद को पैसा लोन पर मिलता है और बैंक को कोई घाटा भी नहीं होता।
किन्नौर, शिमला, लाहौल-स्पीति और सिरमौर के देवता Banking का काम भी करते हैं । यहां देवता लोन देते हैं और ब्याज भी नाममात्र का होता है । देवताओं का Banking में लोगों को 2 या 3 फीसदी सालाना ब्याज देना होता है ।
Banking का नियम है कि देवता का यह लोन केवल एक साल के लिए मिलता है। अगर ऋण लेने वाले की आर्थिक हालत ठीक न हो तो लोन माफ भी हो जाता है। देवी-देवता अपने प्रभाव क्षेत्र के अधीन आने वाले गांवों के लोगों को लोन देते हैं।
कैश ही नहीं, अनाज भी
देवताओं की Banking का सिस्टम ऐसा है कि केवल कैश ही लोन में नहीं दिया जाता, बल्कि अनाज भी ऋण के रूप में दिया जाता है। कैश के रूप में ली गई राशि को कैश के रूप में ही ब्याज सहित अदा करना होता है, जबकि ऋण के रूप में लिए गए अनाज को कैश या फिर अनाज के रूप में वापस किया जाता है। Banking के मुताबिक अनाज को ऋण के रूप में लेने वाला व्यक्ति आधा अनाज और आधा कैश के रूप में भी ऋण को वापस कर सकता है।
ऐसे पूरी होती है लोन प्रक्रिया
शिरगुल महाराज देवता के भंडारी जीत सिंह बताते हैं कि देवताओं की Banking का नियम है कि दिए जाने वाले ऋण की मंजूरी मंदिर कमेटी की सहमति से होती है। ऋण मांगने वाला व्यक्ति मंदिर कमेटी के किसी भी सदस्य के पास ऋण की मांग करता है।
देवताओं की Banking के मुताबिक कमेटी उस पर विचार करती है। कमेटी और मुख्य कारदार की सहमति के बाद उसे ब्याज की दर तय करके ऋण दिया जाता है। यही व्यवस्था सिरमौर जिला के महासू देवता मंदिर में भी है।
खड़कांह में महासू देवता के अलावा कई जगह मंदिर कमेटी बिना अधिक औपचारिकताओं के आसानी से लोन देते की सहमति दे देती है। सिरमौर जिला के गत्ताधार में शिरगुल महाराज देवता और शिलाई ब्लॉक के खड़कांह में महासू देवता बिना औपचारिकताओं के आसानी से लोन देते हैं। इसके अलावा कई जगह मंदिर कमेटी की सहमति से लोन मिलता है।
इस विषय से संबन्धित अन्य पोस्टें –
- Richest God – ‘राजा घेपन’ के सुरक्षा घेरे में सुरक्षित ‘बर्फ़ीला रेगिस्तान’ सदियों पुरानी है रथयात्रा की रीत
- Sidh Ganpati Temple : तांत्रिक शक्तियों से परिपूर्ण है मंडी का सिद्ध गणपति मंदिर, आध्यात्मिक गुणों से संपन्न राजा सिद्धसेन ने 1686 में करवाया था मन्दिर का निर्माण
- Tamil Sant मुस्लिम फ़कीर की संगत, हिंदू साधू की रंगत
- Missile Man आपको पता है कलाम का कमरुनाग से क्या था कनेक्शन ?