Cedar of Manali : देवदार का यह पेड़ 419 साल जिंदा रहा
विनोद भावुक/मनाली
मनाली इंटरनेशनल टुरिस्ट डेस्टिनेशन है। दुनिया भर के लोग घूमने के लिए मनाली आते हैं। जाहिर है आप भी यहां जरूर आए होंगे। अगर आप मानली आए हैं और 419 साल जीने वाले इस Cedar of Manali से परिचित नहीं तो फिर आपकी यात्रा अधूरी रही। देवदार का यह तना मनाली स्थित वन विभाग के वाइल्ड लाइफ विंग के म्यूजियम में संग्रहित किया गया है। तो अगली बार जब भी आप मनाली जायें तो इस म्यूजियम को देखना न भूलें और दुनिया भर की बड़ी घटनाओं के गवाह रहे देवदार के इस तने के साथ सेल्फी जरूर लें।
1548 में कुल्लू की फॉरेस्ट रेंज कोटी पैदा
1548 में कुल्लू की फॉरेस्ट रेंज कोटी पैदा हुआ यह Cedar of Manali 1967 तक 419 साल जीवित रहा। इस दौरान 1556 की पानीपत की दूसरी लड़ाई हुई। 1576 में हल्दी घाटी का युद्ध हुआ और 1588 में स्पेनिश आर्मी की हार हुई। इस देवदार के जीवनकाल में ही 1600 में ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना हुई, 1627 में वीर शिवाजी का जन्म हुआ और 1688 में गलोरियस रेवोल्यूशन हुई। इस देवदार ने 1739 में हुए नादिर शाह का आक्रमण को देखा है तो 1757 में प्लासी की लड़ाई का भी गवाह रहा है।
गांधी के जन्म और नेहरू की मृत्यु का गवाह
Cedar of Manali के जीवनकाल में 1776 में अमेरिका को स्वतंत्रता मिली, इस देवदार ने 1857 में हुए भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम, 1869 में महात्मा गांधी के जन्म, 1914 में पहले विश्व युद्ध और 1939 में दूसरे विश्व युद्ध को भी देखा है। इसी के सामने 1947 में भारत स्वतंत्र हुआ, 1950 में भारत गणतंत्र बना, और 1952 में भारत में पहले आम चुनाव हुआ। इसकी नजर के सामने 1962 में भारत चीन युद्ध, 1964 में नेहरू की मृत्यु, 1967 में भारत का तीसरा आम चुनाव हुआ।
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