प्रशासनिक ढांचे में ‘व्यवस्था परिवर्तन’ : हिमाचल प्रदेश में पहली बार आईएएस बनेंगे उत्कृष्ट योग्यता और क्षमता वाले गैर-राज्य सिविल सेवा अधिकारी

प्रशासनिक ढांचे में ‘व्यवस्था परिवर्तन’ : हिमाचल प्रदेश में पहली बार आईएएस बनेंगे उत्कृष्ट योग्यता और क्षमता वाले गैर-राज्य सिविल सेवा अधिकारी
प्रशासनिक ढांचे में ‘व्यवस्था परिवर्तन’ : हिमाचल प्रदेश में पहली बार आईएएस बनेंगे उत्कृष्ट योग्यता और क्षमता वाले गैर-राज्य सिविल सेवा अधिकारी
विनोद भावुक/ शिमला
‘व्यवस्था परिवर्तन’ के रथ पर सवार सुखबिन्द्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार अब योग्यता-आधारित पदोन्नति नीति के आधार पर प्रदेश के प्रशासनिक ढांचे में ‘व्यवस्था परिवर्तन’ करने जा रही है। सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक यह पहला अवसर है, जब कोई प्रदेश सरकार अपने राज्य के उत्कृष्ट योग्यता और क्षमता वाले गैर-राज्य सिविल सेवा अधिकारियों को भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नत करने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। हालांकि हिमाचल प्रदेश के पड़ोसी राज्यों पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड की सरकारें बहुत पहले से ही अपने राज्य के उत्कृष्ट योग्यता और क्षमता वाले गैर-राज्य सिविल सेवा अधिकारियों को भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नत करने को लेकर गंभीर रही हैं।
हिमाचल प्रदेश ने अपने प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने के लिए हाल ही में एचएएस अधिकारियों को भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नत किया है। हालांकि, वर्षों तक विभिन्न विभागों में उत्कृष्ट सेवा देने वाले अनुभवी गैर एचएएस अधिकारियों को अभी तक इस प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया है। यह पहला अवसर है, जब राज्य सरकार प्रशासनिक दक्षता और समावेशिता को बढ़ावा देने के लिए निर्णायक कदम उठाने जा रही है।
ऐसे बनते हैं आईएएस, गैर-राज्य सिविल सेवा वाले अफसर
अपने राज्य के उत्कृष्ट योग्यता और क्षमता वाले गैर-राज्य सिविल सेवा (Non-State Civil Services) अफसरों को भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नत करने के लिए राज्य सरकारें चयन समिति को प्रस्तावित करती हैं। चयन समिति उम्मीदवारों के सेवा रिकॉर्ड का मूल्यांकन करती है और चयन सूची में शामिल उम्मीदवारों को केंद्र सरकार नियुक्त करती है।
भारत सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग IAS (Appointment by Selection Regulations, 1997) के तहत गैर-राज्य सिविल सेवा अधिकारियों को आईएएस में पदोन्नत करने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। निर्देशों के अनुसार ऐसे अधिकारी जो राज्य सिविल सेवा के सदस्य नहीं हैं, लेकिन जिनके पास पर्याप्त अनुभव और योग्यता है, उन्हें चयन प्रक्रिया के माध्यम से आईएएस में नियुक्त किया जा सकता है।
पड़ोसी राज्यों में कई गैर-राज्य सिविल सेवा अधिकारी बने आईएएस
देश के कई राज्यों ने गैर-राज्य सिविल सेवा अधिकारियों को आइएएस में पदोन्नत करने की सफल पहल की है। पंजाब सरकार ने 2015 में गैर-राज्य सिविल सेवा वाली पृष्ठभूमि वाले अधिकारी कर्नेश शर्मा को को आइएएस में पदोन्नत किया था। इससे पहले, डीएस ग्रेवाल, केएस पन्नू और वीके शर्मा जैसे अधिकारी भी इसी मार्ग से आईएएस में शामिल हुए थे।
2024 में हरियाणा के गैर-राज्य सिविल सेवा अधिकारी अश्विनी गुप्ता को आईएएस में पदोन्नत किया गया। तमिलनाडु और उत्तराखंड ने भी गैर-राज्य सिविल सेवा अधिकारियों को आईएएस में पदोन्नत करने की पहल की है। इसी तर्ज पर अब हिमाचल प्रदेश सरकार भी अपने उत्कृष्ट योग्यता और क्षमता वाले गैर-राज्य सिविल सेवा अधिकारियों के लिए आईएएस बनने की राह खोल रही है।
योग्यता को मान्यता देने का संदेश
गैर-राज्य सिविल सेवा अधिकारियों को आईएएस नियुक्त करने की नीति के जरिये प्रदेश सरकार
अपने योग्य अधिकारियों को उच्च प्रशासनिक पदों पर लाकर प्रशासनिक ढांचे को और मजबूत करने जा रही है। गहरी संस्थागत समझ और क्षेत्रीय अनुभव के चलते गैर-राज्य सिविल सेवा अधिकारी सरकारी नीतिओं के कार्यान्वयन में प्रभावशाली भूमिका अदा कर सकते हैं।
अपने प्रशासनिक ढांचे को और अधिक समावेशी, कुशल और उत्तरदायी बनाने के लिए गैर-राज्य सिविल सेवा अधिकारियों को आईएएस पदोन्नत कर योग्यता को मान्यता देकर प्रदेश सरकार एक सकारात्मक संदेश देने जा रही है। गैर-राज्य सिविल सेवा अधिकारियों की योग्यता-आधारित पदोन्नति प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाएगी और अधिकारियों को सर्वश्रेष्ठ करने के लिए प्रेरित करेगी।
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Jyoti maurya

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