पहले वीरभद्र सिंह का दिया साथ, फिर विक्रमादित्या का थामा हाथ, युवा कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष यदुपति ठाकुर की संगठन में गहरी पैठ

पहले वीरभद्र सिंह का दिया साथ, फिर विक्रमादित्या का थामा हाथ, युवा कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष यदुपति ठाकुर की संगठन में गहरी पैठ
पहले वीरभद्र सिंह का दिया साथ, फिर विक्रमादित्या का थामा हाथ, युवा कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष यदुपति ठाकुर की संगठन में गहरी पैठ
सत्या प्रकाश/ मंडी
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सियासत में निष्ठा और प्रतिबद्धता की बात हो तो पार्टी संगठन में गहरी पैठ बनाने वाले युवा कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष यदुपति ठाकुर ने पहले पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह का दिया साथ और उनके देहांत के बाद उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह का हाथ थाम लिया।
वीरभद्र सिंह के साथ कदमताल करते हुए राजनीतिक और संगठनात्मक मंचों पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करवाने वाले यदुपति ठाकुर ने स्टूडेंट्स पॉलिटिक्स के रास्ते कांग्रेस की मुख्यधारा की राजनीति में अपनी खास पहचान कायम की है।
मंडी जिला की सरकाघाट तहसील के दुर्गापुर गाँव में पैदा हुए यदुपति ठाकुर ने साल 2005 में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में कांग्रेस विचारधारा वाले छत्र संगठन एनएसयूआई से स्टूडेंट पॉलिटिक्स की शुरुआत की। साल 2007-08 में वे छात्र संघ के महासचिव चुने गए और 2008-09 में विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज कर अध्यक्ष बने। छात्र संघ चुनाव में रिकॉर्ड मतों से जीत ने उन्हें प्रदेश स्तर पर पहचान दिलाई। प्रदेश विश्वविद्यालय की सियासत में अभूतपूर्व समर्थन के साथ उभरे यदुपति ठाकुर ने दो दशक के सफर में कांग्रेस संगठन के भीतर एक मजबूत युवा नेता की छवि बनाई है।
कांग्रेस का हाथ, वीरभद्र सिंह का साथ
यदुपति ठाकुर ने पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के साथ कई जनसभाएं, यात्राएं और कार्यक्रमों में भागीदारी कर साबित किया कि वे न केवल एक समर्पित कार्यकर्ता हैं, बल्कि एक भरोसेमंद नेता भी हैं। वीरभद्र सिंह परिवार के साथ उनका खास लगाव है।
पार्टी के आंतरिक ढांचे में उनकी पहचान एक कर्मठ, अनुशासित और रणनीतिक सोच वाले यौवा नेता के रूप में होती है। युवा वर्ग में उनकी विशेष पकड़ है और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच उनका खास रुतबा है। कोरोना काल में सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र के लोगों की मदद करने के लिए उन्हें कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सम्मानित किया है।
टिकट के लिए पक्ष में सभी समीकरण
अढाई साल बाद होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए अभी से कांग्रेस के अंदरूनी हलकों में यदुपति ठाकुर का नाम एक सशक्त दावेदार के रूप में उभर कर सामने आने लगा है। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम के प्रभाव के चलते मंडी जिला में भाजपा पूरी तरह से हावी है।
ऐसे में कांग्रेस के एक वर्ग का मत है कि पार्टी को सरकघाट विधानसभा सीट पर चुनावी मुक़ाबले के लिए एक युवा, जमीनी और निष्ठावान नेता की जरूरत है। पार्टी के प्रति वफादारी, संगठनात्मक अनुभव, जनसमर्थन और वरिष्ठ नेतृत्व का समर्थन के चलते यदुपति ठाकुर इस कसौटी पर खरे उतरते हैं।
सियासी सफर के मील पत्थर
2006-2007 में एनएसयूआई के कैंपस अध्यक्ष रहे।
2008 में सीएससीए के अध्यक्ष चुने गए।
2008-09 में एनएसयूआई के राज्य महासचिव रहे।
2009-2011तक एनएसयूआई के राज्य अध्यक्ष रहे।
2011-2013 तक एनएसयूआई के दूसरी बार राज्य अध्यक्ष रहे।
2013-15 तक एनएसयूआई के राष्ट्रीय समन्वयक रहे।
2015-2018 तक युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव रहे।
2018-2020 तक युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय समन्वयक मनोनीत रहे।
2018-2020 तक राष्ट्रीय समन्वयक के रूप में दिल्ली और राजस्थान का प्रभार।
पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में तरनतारन जिले के एआईसीसी प्रभारी रहे।
दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश और गुजरात में पार्टी का काम किया।
10 दिसंबर 2020 से हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष।
हिमाचल और देश-दुनिया की अपडेट के लिए join करें हिमाचल बिज़नेस
https://himachalbusiness.com/inspirational-story-a-nurse-from-london-understood-the-pain-of-the-people-of-kaza-set-an-example-of-humanity-by-building-a-hospital-in-the-snowy-desert/

Jyoti maurya

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *