Folklore: प्रेमी का बलिदान, प्रेमिका ने दी जान

Folklore: प्रेमी का बलिदान, प्रेमिका ने दी जान

लोककथा/ चंबा

Folklore : चंबा के लोकगीत के तौर पर गाई जाने वाली यह एक सैनिक की दुखांत प्रेमकथा है, जिसके दिल में अपनी प्रियतमा के लिए जितना मोम था, दुश्मनों से टकराने के लिए उतना ही फौलाद भरा हुआ था।

कुंजू राजा का एक वीर सिपाही था और वह चंचलो नाम की नर्तकी से प्रेम करता था। चंचलो को पाने के लिए राजा और वजीर ने चाल चल कर युद्ध के मोर्चे पर धोखे से मरवा दिया था।

षड्यंत्र से प्रेमी कुंजू की शहादत ने उसे अंदर से तोड़ दिया और उसने भी खुदकुशी पर अपनी जान दे दी और मर कर दो प्रेमी सदा के लिए एक हो गए। Folklore में कुंजू- चंचलो का संवाद लोकगीत को बेहद मार्मिक बना देता है।

षड्यंत्र से प्रेमी कुंजू की शहादत ने उसे अंदर से तोड़ दिया और उसने भी खुदकुशी पर अपनी जान दे दी और मर कर दो प्रेमी सदा के लिए एक हो गए। Folklore में कुंजू- चंचलो का संवाद लोकगीत को बेहद मार्मिक बना देता है।

चंचलों पर थी राजा और वजीर की नजर

Folklore में कहा जाता है कि चंचलो बला की खूबसूरत थी। उसकी खूबसूरती पर राजा और वजीर भी मरते थे। दोनों ही किसी न किसी तरह उसे हासिल करने के लिए जुगाड़ में लगे रहते थे, पर दोनों का उस पर कोई बस नहीं चलता था। चंचलो जितनी खूबसूरत थी, उतनी ही जिद्दी और अक्कड़ मिजाज थी।

Folklore में कहा जाता है कि चंचलो बला की खूबसूरत थी। उसकी खूबसूरती पर राजा और वजीर भी मरते थे। दोनों ही किसी न किसी तरह उसे हासिल करने के लिए जुगाड़ में लगे रहते थे, पर दोनों का उस पर कोई बस नहीं चलता था। चंचलो जितनी खूबसूरत थी, उतनी ही जिद्दी और अक्कड़ मिजाज थी।

इस Folklore कुंजू के एक वीर सिपाही होने के कारण उससे सीधा टकराना खतरनाक हो सकता था। इस लिए कुछ ऐसा करने की फितरत में थे, जिससे सांप भी मर जाये और लाठी भी न टूटे।

Folklore के अनुसार चंचलो को हासिल करने के लिए वजीर ने कुटिल चाल चली। वजीर ने राजा को समझाया कि कुंजू को युद्ध में भेज दिया जाए।

वाजीर ने कहा कि प्रेमी मरकर ही अमर होते रहे हैं। कुंजू को भी अमर होने का अवसर दिया जाए। चूंकि राजा भी चंचलो को वश में करने की फिराफ़ में था, इसलिए उसे वजीर की बात जम गई।

राजा नि:संतान भी था और चंचलो को रानी बना कर वारिस के सपने देखा करता था। कुंजू को मोर्चे पर जाने का आदेश हो गया।

मोर्चे पर भेज दिया कुंजू

Folklore का नायक कुंजू सैनिक के तौर पर पराक्रम से कहाँ पीछे हटाने वाला था। वजीर की कुटिल चाल को समझे बिना राजा के आदेश पर वह युद्ध में चला गया।

Folklore की नायिका चंचलो सजल आँखें किए उसकी हिफाजत की दुआ करती रही और प्रेमी के लौटने के इंतज़ार में विरह में डूब गई। पर कुंजू को तो मारने के लिए ही राजा ने मोर्चे पर भेजा गया था, इसलिए उसकी शहादत होना तय थी।

कुंजू की शहादत, चंचलो की ख़ुदकुशी

Folklore में भावुक मोड़ तब आया जब वजीर का रचा गया षड्यंत्र सफल हुआ और युद्ध में चाल से कुंजू मारा गया। चंचलो को जब उसकी शहादत की खबर मिली तो इसके पीछे का षड्यंत्र भी सामने आ गया।

चंचलो अपने प्रेमी की धोके से मौत की इस पीड़ा को सहन नहीं कर सकी और उसने आत्महत्या कर ली। मरने से पहले वह राजा और वजीर दोनों को शाप दे गई, जो कलांतर में फलीभूत हुए।

राजा ने की आत्महत्या, वजीर की हत्या

Folklore में कहा जाता है कि राजा उतना भी बुरा नहीं था, जितना वजीर ने उसे बना दिया था। कुंजू की शहादत और चंचलो की आत्महत्या के लिए राजा खुद को दोषी मानने लगा। अपने पाप का पश्चात्ताप करने के लिए राजा ने भी आत्महत्या कर ली। चंचलो के गुरु ने वजीर की भी हत्या कर दी। इस तरह इस Folklore का दुखांत हुआ।

लोकगीत में अमर प्रेम कथा

यह Folklore इसलिए मशहूर है, क्योंकि कवि में इसे मार्मिक लोकगीत में ढाला है और ज जाने कितने लोकगायकों ने इस लोकगीत को अपनी मखमली आवाज से जनता के दिल में गहरी जगह बनाने की कोशिशें की हैं। यह लोकगीत चंबा की लोकसंस्कृति का एक आईना है। चौगान, चांदी, पीपल जैसी चंबा की विशेषताएं इस Folklore को भावुक बना देती हैं।

 इस विषय से संबन्धित अन्य पोस्टें – 

  1. Folklore : मोहणा कर दो माफ, नहीं मिला इंसाफ
  2. Love Story:  अनजान प्रेमियों के बलिदान की अनूठी यादगार

 

himachalbusiness1101

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *