भूखे को अन्न, प्यासे को पानी, जय बाबा बर्फानी, तसवीरों की जुबानी, 1920 की अमरनाथ यात्रा की कहानी

भूखे को अन्न, प्यासे को पानी, जय बाबा बर्फानी, तसवीरों की जुबानी, 1920 की अमरनाथ यात्रा की कहानी
हिमाचल बिजनेस नेटवर्क
एक अमेरिकी वनस्पति विज्ञानी और फोटोग्राफर राल्फ रैंडल्स स्टुअर्ट की 1920 की अमरनाथ यात्रा के दौरान ली गई तस्वीरें अनमोल उपहार हैं। ये ऐतिहासिक तस्वीरें हमें अमरनाथ यात्रा के सौ वर्ष पुराने अनुभव की सनसनी और शांति दोनों की झलक देती हैं। हिमालय की ऊँचाइयों, श्रद्धालुओं की लगन और प्राकृतिक सौंदर्य को संजोते दृश्य आज भी समृद्ध संकल्पना और जागृति का प्रेरणास्रोत हैं।
स्टुअर्ट ने अमरनाथ की गुफा तक जाने वाले पहाड़ी रास्तों की तस्वीरें खींचीं जहाँ श्रद्धालु निश्चिंत कदम से चल रहे थे। किरचों-भर रास्ता, पर्वतों की शोभा और प्रकृतिकी शांति इन चित्रों में बखूबी झलकती है।
उनकी सबसे प्रमुख तस्वीर अमरनाथ गुफा के प्रवेशद्वार की है, जहाँ साधुओं और भक्तों का जलवा साफ दिखाई देता है।



हिमालयी संस्कृति का संरक्षण
पाहलगाम में स्थापित श्रद्धालु शिविर की कुछ तस्वीरों में टेंट की कतार, जीवन-यापन के साधन, भेंट-पूजा सामग्री और सुदूर हिमालय की पृष्ठभूमि चित्रित है। स्टुअर्ट ने साधुओं, तीर्थयात्रियों, स्थानीय लोगों और पशुओं को भी कैमरे में कैद किया।
स्टुअर्ट न केवल वनस्पति वैज्ञानिक थे, बल्कि अपने कैमरे से हिमालय की संस्कृति और भूगोल को भी संरक्षित किया। यात्रा की तस्वीरें 1920 के दशक के तीर्थयात्रियों की सामाजिक-आध्यात्मिक स्थिति को जीवंत करती हैं।



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