शिमला के चार भाई, चारों इंडियन आर्मी के जनरल ऑफिसर, एक भाई को मिला युद्धनायक का खिताब

शिमला के चार भाई, चारों इंडियन आर्मी के जनरल ऑफिसर, एक भाई को मिला युद्धनायक का खिताब
शिमला के चार भाई, चारों इंडियन आर्मी के जनरल ऑफिसर, एक भाई को मिला युद्धनायक का खिताब
हिमाचल बिजनेस। शिमला
जब भी 1971 के भारत- पाक युद्ध का प्रसंग छिड़ता है तो परम विशिष्ट सेवा मेडल और महावीर चक्र से सम्मानित युद्धनायक लेफ्टिनेंट जनरल राज मोहन वोहरा की वीरता का गुणगान जरूर होता है। बासंतर की लड़ाई में उनकी यूनिट ने दुश्मन की भीषण गोलाबारी झेलते हुए 27 पाकिस्तानी टैंक नेस्तनावूद कर दिये थे।
यह बात कम ही लोगों को पता है कि शिमला के बक्शी संत राम के चारों बेटे ने भारतीय सेना में शामिल हुए और सभी ने आर्मर्ड कॉर्प्स में सेवाएं दीं। विशेष बात यह रही कि सभी भाई जनरल ऑफिसर बने, दो मेजर जनरल और दो लेफ्टिनेंट जनरल। एक भाई लेफ्टिनेंट जनरल राज मोहन वोहरा को युद्धनायक का खिताब मिला।
1971 के युद्धनायक
लेफ्टिनेंट जनरल राज मोहन वोहरा भारतीय सेना के उन महान योद्धाओं में गिने जाते हैं, जिन्होंने अपने साहस और नेतृत्व से देश का मान बढ़ाया।राज मोहन वोहरा का जन्म बक्शी संत राम के घर शिमला में 7 मई 1932 को हुआ। उन्होंने शिमला के सेंट एडवर्ड्स स्कूल से शिक्षा प्राप्त की। 4 दिसंबर 1952 को राज मोहन वोहरा को 14 हॉर्स (सिंध हॉर्स) में कमीशन मिला।
1963 में बतौर मेजर वे डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज वेलिंगटन भेजे गए। 1965 के भारत-पाक युद्ध में उन्होंने पंजाब सेक्टर में लड़ाई लड़ी। 1971 का भारत-पाक युद्ध और बासंतर की जंग में बतौर लेफ्टिनेंट कर्नल, वोहरा ने 4 हॉर्स की कमान संभाली और शकरगढ़ सेक्टर में दुश्मन के खिलाफ मोर्चा खोला। उनकी यूनिट ने दुश्मन की भीषण गोलाबारी झेलते हुए 27 पाकिस्तानी टैंक ध्वस्त किए।
ईस्टर्न कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ
युद्ध के बाद राज मोहन वोहरा ने भारतीय आर्मी वॉर कॉलेज, महू (तब कॉलेज ऑफ कॉम्बैट) की कमान संभाली। 1988 से 1990 तक वे ईस्टर्न कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ रहे। 14 जून 2020 को 88 वर्ष की आयु में वे कोरोना महामारी के दौरान जिंदगी की जंग हार गए।
उनकी वीरता और त्याग की गाथा हमेशा भारतीय सेना और देशवासियों के लिए प्रेरणा बनी रहेगी। लेफ्टिनेंट जनरल वोहरा की कहानी केवल सैन्य इतिहास नहीं, बल्कि साहस, नेतृत्व और कर्तव्यनिष्ठा की अद्वितीय मिसाल है।
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Jyoti maurya

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