फर्श से अर्श तक : सरकाघाट के सरकारी स्कूल का होनहार, हिमाचल में दिल के रोगियों का करेगा उपचार, डॉक्टर सोनी ने पहले ही प्रयास में ही पास की कार्डियोलॉजी की परीक्षा

फर्श से अर्श तक : सरकाघाट के सरकारी स्कूल का होनहार, हिमाचल में दिल के रोगियों का करेगा उपचार, डॉक्टर सोनी ने पहले ही प्रयास में ही पास की कार्डियोलॉजी की परीक्षा
रितेश चौहान/ सरकाघाट
इस प्रेरककथा के नायक हैं सरकाघाट के एक सरकारी स्कूल के होनहार डॉक्टर सोनी। अपने पहले ही प्रयास में कार्डियोलॉजी की परीक्षा पास कर मीडिया की सुर्खियां बटोर रहे डॉक्टर सोनी ने साबित किया है कि अगर दिल में कुछ कर गुजरने की ललक हो तो बड़े से बड़ा लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। ग्रामीण पृष्ठभूमि वाले एक साधारण घर के इस प्रतिभाशाली युवा ने कड़ी मेहनत से बड़ा मुकाम हासिल किया है।
मंडी जिला के सरकाघाट उपमंडल के जंधरूं गांव के डॉक्टर सोनी ने पहले ही प्रयास में ही नेशनल बोर्ड ऑफ मेडिकल साइंस दिल्ली की ओर से आयोजित होने वाली देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक कार्डियोलॉजी एक्सपर्ट की परीक्षा पास कर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है। डॉक्टर सोनी नेशनल बोर्ड ऑफ मेडिकल साइंस दिल्ली से कार्डियोलॉजी की डिग्री प्राप्त करने वाले हिमाचल प्रदेश के तीसरे डॉक्टर हैं।
टांडा मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस
डॉक्टर सोनी ने शहीद कैप्टन दीपक गुलेरिया राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चोलथरा से दसवीं करने के बाद राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सरकाघाट से जमा दो की है। नीट परीक्षा पास एमबीबीएस के लिए उनका चयन डॉ राजेन्द्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा के लिए हुआ। उनकी गिनती एक होनहार मेडिकल स्टूडेंट के तौर पर होती रही है।
मेहनत से हासिल किया मुकाम
साधारण परिवार में पैदा हुए डॉक्टर सोनी मृदुभाषी, मिलनसार और शांत स्वभाव के हैं। उनके पिता हिमाचल पथ परिवहन निगम से सेवानिवृत कर्मचारी हैं तथा माता गृहणी हैं। उनकी पत्नी एक शिक्षिका हैं। इस दंपति के दो बच्चे, एक बेटा और बेटी हैं।
डॉक्टर सोनी कहते हैं कि उन्होंने सच्ची लगन से अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए कड़ी मेहनत की और भगवान ने उनकी पूरी मदद की। मेहनत कभी बेकार नहीं जाती है, ईमानदार प्रयासों को सफलता अवश्य मिलती है। डॉक्टर सोनी का सपना है कि सुपर स्पेशियलिटी की सुविधा ग्रामीण क्षेत्र और समाज के कमजोर वर्ग को भी दिलाई जा सके।
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