हिमाचल गौरव’ : कला की दुनिया की अनूठी मिसाल, चित्रकला कमाल, मूर्तिकला बेमिसाल

‘हिमाचल गौरव’ : कला की दुनिया की अनूठी मिसाल, चित्रकला कमाल, मूर्तिकला बेमिसाल
रत्न चंद ‘निर्झर’/ बिलासपुर
बिलासपुर शहर के विजयराज उपाध्याय ने कला की दुनिया में अनूठी मिसाल पेश की है। उनकी चित्रकला कमाल की है तो मूर्तिकला बेमिसाल है। म्यूरल आर्ट, वुडवर्क और ऑयल पेंटिंग में उनके पास कमाल का हुनर है। उनकी कलाकृतियां बोलती सी प्रतीत होती हैं और भारत ही नहीं, विदेशों में उनकी कला के क़द्रदानों की लंबी सूची है। कला प्रदर्शनियों में उनकी कलाकृतियां दर्शक को अपने सम्मोहन में बांध लेती हैं। उनका काम बोलता है और मूर्तिकार के तौर पर तो वे प्रदेश के कई जिलों में अपने हुनर की छाप छोड़ चुके हैं।
विजयराज उपाध्याय चित्रकार और मूर्तिकला होने के साथ रंगमंच और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों में भी सिद्धहस्त कलाकार हैं। जिला बिलासपुर रेडक्रॉस सोसायटी अस्पताल शाखा के सीनियर वाइस चेयरमैन के तौर पर उनकी भूमिका हमेशा मददगार की रही है। कोरोना काल में उन्होंने जरूरतमंदों और असहायों को काउंसिलिंग के जरिए कला के प्रति जागरूक किया। विजयराज राज्य भर में कार्यशालाएं लगाकर प्रदेश के युवाओं को कला के बारे में जागरूक करते आ रहे हैं।

चार मिनट में पेंटिंग बनाकर जीता पहला पुरस्कार
मनाली में राष्ट्रीय विंटर कार्निवाल में मात्र चार मिनट में पेंटिंग बना कर प्रथम पुरस्कार जीतने वाले विजयराज ने मंडी जिला के सुंदरनगर में कारगिल शहीद नरेश कुमार की 7 फीट ऊंची प्रतिमा का निर्माण किया है। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू इंजीनियरिंग कॉलेज सुंदरनगर में शेरों के परिवार की एक सुंदर कृति का निर्माण किया।
पॉलिटेक्निकल कॉलेज सुंदरनगर में मां सरस्वती और विवेकानंद की प्रतिमा बनाने के अलावा बिलासपुर के बंदला में 18 फीट उंची हनुमान की मूर्ति बनाई है। बिलासपुर में जनरल जोरावर सिंह की शानदार मूर्ति बनाई है।
शक्तिपीठ चामुंडा मंदिर में बनाईं 40 पेंटिंग्स
विजयराज ने कांगड़ा में स्थित प्रसिद्ध शक्तिपीठ चामुंडा मंदिर में 40 पेंटिंग्स बनाई हैं, जिनमें 20 में कृष्ण तथा अन्य 20 में रामलीला का चित्रण है। उन्होंने मंडी जिला के बिंद्रावन में हिमाचल दर्शन फोटो गैलरी, मूर्तियां और बाहरी डिजाइन का काम किया। विजयराज ने ऊना जिले के बंगाणा ईको पार्क में वहां के प्रसिद्ध मंदिरों का चित्रण किया।
उन्होंने बिलासपुर के पूर्णम मॉल की दीवारों पर बिलासपुर का इतिहास दर्शाया है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में गणित के प्रसिद्ध विद्वानों की 12 मूर्तियों का निर्माण किया है। नगर परिषद सुंदरनगर के लिए हिमाचल की संस्कृति को दर्शाती हुई 25 कृतियों का निर्माण किया है। मनाली में एक विशाल सेल्फी प्वॉइंट में हिमाचली संस्कृति को दर्शाती हुई पहाड़ी नाटी का म्यूरल बनाया है।


शहीद स्मारक में करगिल का चित्रण
विजयराज उपाध्याय ने हिमाचल स्वर्ण जयंती वर्ष के दौरान विभिन्न विभागों में म्यूरल आर्ट से कई प्रकार की कलाकृतियां बनाई हैं। उन्होंने ‘एक ईंट शहीद के नाम’ पर बने शहीद स्मारक बिलासपुर में शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कलाकृतियां बनाई, जिन्हें कारगिल युद्ध से जोड़ा गया है।
उन्होंने भाषा एवं संस्कृति विभाग की तरफ से नव निर्मित सभागार के प्रवेश द्वार पर कलाकृतियां बनाई हैं और एनटीपीसी कोलडैम बरमाणा में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देते हुए विभिन्न प्रकार की कलाकृतियों का निर्माण किया है।

हिमाचल गौरव से सम्मानित कलाकार
विजयराज उपाध्याय को 2022 में कला के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान के लिए ‘हिमाचल गौरव‘ से सम्मानित किया गया। उन्हें हिमाचल भाषा संस्कृति विभाग ने 2010 में और तत्कालीन राज्यपाल वीएस रमादेवी ने भी साल 2004 में प्रशंसा पत्र प्रदान किया था। चेतना संस्था संस्था की महासचिव डॉ. मल्लिका नड्डा ने भी उन्हें सम्मानित किया है।
ओडिशा में आयोजित राष्ट्रीय कला कार्यशाला में उन्हें राष्ट्रीय अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। उन्हें नेशनल विंटर कार्निवाल में सर्वोच्च कला सम्मान मिला है। हनुमान की मूर्ति बनाने पर केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने उन्हें सम्मानित किया है।

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