इटली– फ्रांस और रूस में बढ़ाया भारत का मान, तत्तापानी को दिलाई विदेशों तक पहचान, पर्यटन कारोबार में कामयाबी का शिखर छूने वाले प्रेम रैना की प्रेरककथा

इटली– फ्रांस और रूस में बढ़ाया भारत का मान, तत्तापानी को दिलाई विदेशों तक पहचान, पर्यटन कारोबार में कामयाबी का शिखर छूने वाले प्रेम रैना की प्रेरककथा
डॉ. जगदीश शर्मा/ पांगणा
आज की प्रेरककथा के नायक हैं प्रेम रैना, जिन्होंने एक दशक तक इटली – फ्रांस में भारत का मान बढ़ाया है। जब जड़ों की ओर लौटे तो अपनी जन्मभूमि तत्तापानी के सम्मान के लिए समर्पित हो गए। 20 वर्ष की आयु में सतलुज किनारे छोटे से हॉट स्प्रिंग होटल से अपने व्यवसाय की शुरुआत करने वाले प्रेम रैना ने तत्तापानी को देश- विदेश में पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण रोल अदा किया।
प्रेम रैना ने तत्तापानी में आयुर्वेद और योग को भी पर्यटकों के लिए सुलभ बनाया है। ‘हाट स्प्रिंग’ की पहचान अब केवल एक होटल की नहीं बल्कि उसे नेचुरल हैल्थ सेंटर के तौर पर केंद्र के आयुष मंत्रालय ने एनएवीएच प्रमाण पत्र दिया है। ‘हाट स्प्रिंग’ देसी- विदेशी पर्यटकों को रेस्तरां, आवासीय सुविधा, योग केंद्र, बैडमिंटन फील्ड, वोटिंग, हाटबाथ, पंचकर्म की सुविधा प्रदान करता है।

तत्तापानी में साहसिक व स्वास्थ्य पर्यटन
प्रेम रैना के प्रयासों से तत्तापानी में साहसिक व स्वास्थ्य पर्यटन की स्थापना पर्यटन उद्योग के लिए मील पथ्थर साबित हुए हैं। राफ्टिंग के रोमांचक खेल के कारण लगभग दो सौ लोगों को रोजगार मिला है। हाट स्प्रिंग हैल्थ केयर, प्राकृतिक चिकित्सा, आयुर्वेद चिकित्सा के अनूठे केंद्र के तौर पर विकसित हुआ है। हिमाचल प्रदेश के पहले जैट स्की ने वाटर स्पोर्ट्स को नई उड़ान दी है। जेट स्की से झील की सैर करना एक रोमांचक अनुभव प्रदान करता है।
2019 में पर्यटन विभाग की तरफ से आयोजित तत्तापानी में सतलुज पूजा कार्यक्रम की अध्यक्षता तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने की थी। प्रेम ने इस नदी पूजन परम्परा को लिए तत्तापानी एक नई पहचान के रुप में उभरा है। प्रेम रैना को 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने श्रेष्ठ पर्यटन उद्यमी पुरस्कार से सम्मानित किया है तो साल 2019 मे तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ‘प्राइड आफ हिमाचल पर्यटन’ पुरस्कार दिया है।

विदेश में हिन्दू धर्म संस्कृति का प्रचार
प्रेम रैना का जन्म तत्तापानी के विपतु राम के घर 5 मार्च 1974 को हुआ। छह भाई- बहनों वाले परिवार के इस बालक को बाल्यावस्था में ही गहरी धार्मिक अनुभूति पैदा हुई। साधारण परिवार के धीर- गंभीर, साहसी, संयमी, मिलनसार और परोपकारी इस युवक ने संजौली कॉलेज से सनातक की डिग्री प्राप्त की।
कॉलेज की पढ़ाई करते ही उन्होंने पर्यटन व्यवसाय में करियर शुरू किया। इस बीच दस वर्ष तक प्रेम रैना ने इटली, करैमोना, सीमावर्ती फ्रांस और रूस में हिन्दू धर्म संस्कृति का प्रचार- प्रसार किया। उनका विवाह 25 वर्ष की उम्र में इटली की एंजेला मोंटेरोस्सो से हुआ। दंपति की दो बेटियां और एक बेटा हैं।

तीर्थ के कल्याण में जुटे प्रेम
2016 में कोल बांध बनने से सतलुज पर बनी झील में गर्म जल के चश्मों के जल-मग्न होने से पहले ही प्रेम रैना ने अपने खर्चे पर एक किलोमीटर ऊपर तक जल को उठाकर तत्तापानी तीर्थ के पौराणिक महत्व को बरकरार रखकर पुण्य का काम किया। वे जमदग्नि की पुण्य भूमि तत्तापानी में जमदग्नि ऋषि, परशुराम जी व कामधेनु गौ माता की मूर्तियां स्थापित कर रहे हैं।
प्रेम रैना अनुशासन, मर्यादा, निष्ठा, लगन, नि:स्वार्थ सेवा, प्रेम और निष्काम भक्ति भाव से तत्तापानी तीर्थ के कल्याण में जुटे हैं। विचारों की पवित्रता, सरलता, नैतिकता और राष्ट्रीयता से ओत- प्रोत यह व्यवसायी युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। सामाजिक सरेकारों को मानवीय दिशा देने वाले प्रतिभाशाली प्रेम रैना हिमाचल गौरव सम्मान के अधिकारी हैं।
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