इतिहास में दर्ज है : जब अमेरिका तक पहुंच गया शांता कुमार की गंगोत्री का चमत्कारी पानी

इतिहास में दर्ज है : जब अमेरिका तक पहुंच गया शांता कुमार की गंगोत्री का चमत्कारी पानी
इतिहास में दर्ज है : जब अमेरिका तक पहुंच गया शांता कुमार की गंगोत्री का चमत्कारी पानी
विनोद भावुक/ धर्मशाला
काँगड़ा जिले के सुलह विधानसभा क्षेत्र को भाजपा दिग्गज शांता कुमार की गंगोत्री भी कहा जाता है। क्या आपको पता है कि एक वक्त वह भी था, जब शांता कुमार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री थे और उनकी गंगोत्री सुलह का पानी अमेरिका तक पहुंच गया था।
90 के दशक का प्रसंग है। दरअसल गाँव में एक हैंडपंप लगा था और गाँव वाले उसका पानी पीने लगे। बात उठी कि हैंड पंप का पानी चमत्कारी है। इसके सेवन से अस्थमा, पेट और गुर्दे की बीमारी से पीड़ित एक रोगी देखते-देखते वह ठीक हो गया । ठीक हो गया। उक्त व्यक्ति ने सार्वजनिक दावा किया कि वह इस नतीजे पर पहुँचा है कि हैंड पंप का पानी पीने से वह ठीक हुआ है।
बात जंगल की आग की तरह फैलने लगी और बीमार लोग सुलह पहुंच कर उस पंप से पानी पीने लगे। दिनों दिन पानी की शोहरत आसपास के गाँवों में फैलने लगी। थोड़े ही दिनों में आलम यह हो गया कि पानी के डिब्बों के साथ भीड़ जुटने लगी। देखते-देखते दूर-दराज से लोग चमत्कारी पानी का सेवन करने के लिए सुलह आने आने लगे।
इस करामती पानी की चर्चा ने ज़ोर पकड़ा तो तत्कालीन मुख्यमंत्री शांता कुमार भी मौके पर पहुँचे। पानी लेने के लिए लोगों को परेशानी न हो, इसके चलते इस स्थान पर और हैंडपंप लगाए गए। पानी के लिए टैंक बना दिए गए। अब छह निकासी नलों से पानी दिया जाने लगा और प्रतिदिन सवा लाख लीटर पानी वितरित होने लगा।
देश से ही नहीं, विदेश में रहने वाले कई भारतीय भी इस पानी के सेवन के लिए लालायित दिखे। सुलह का पानी कई देशों तक पहुँचने लगा। यहाँ तक कि यह पानी अमेरिका तक भी भेजा गया। दिल्ली, पंजाब और हरियाणा से पानी लेने आने वाली गाड़ियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर ट्रैफिक पुलिस तैनात करनी पड़ी।
सरकार के आदेश पर इस पानी की जाँच कराई गई। वैज्ञानिकों ने इस पानी में सत्रह धातुओं के साथ 32-40 के बजाय 80 अंश कार्बन डाइऑक्साइड पाया। पानी को लेकर आई रिपोर्ट के बाद इस पानी को लेकर दिवानगी कम होने लगी और कुछ समय बाद सुलह के पानी का चमत्कार इतिहास हो गया।
हिमाचल और देश-दुनिया की अपडेट के लिए join करें हिमाचल बिज़नेस
https://himachalbusiness.com/untold-stories-of-history-when-the-brahmins-did-not-eat-food-prepared-by-the-brahmins-the-case-went-on-for-100-years-in-suket-principality/

Jyoti maurya

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *