Kullu- Manali Shooting : राजेंद्र कुमार और माला सिन्हा की प्लेन क्रैश में मौत का सच!

Kullu- Manali Shooting : राजेंद्र कुमार और माला सिन्हा की प्लेन क्रैश में मौत का सच!

विनोद भावुक/ मनाली

Kullu- Manali Shooting वाली  हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री की एक ऐसी रियल स्टोरी जिसमें निर्माता, निर्देशक रामानंद सागर, उनके 3 बेटों और जुबली स्टार राजेन्द्र कुमार और माला सिन्हा सहित गीत फिल्म की पूरी यूनिट का हिमाचल प्रदेश में कुल्लू के लिए आते समय मौत से बेहद नजदीक से आमना- सामना हुआ।

खबर कितनी सनसनीखेज थी, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शाम को प्रकाशित होनेवाले देश के सभी अखबारों ने Kullu- Manali Shooting के लिए आ रही पूरी यूनिट के 20 सदस्यों की विमान दुर्घटना में मृत्यु की घोषणा कर दी थी।

भुंतर के विमान यातायात नियंत्रण टॉवर ने विमान के लापता होने की घोषणा कर दी थी। रेडियो मीडिया सुपरस्टार राजेंद्र कुमार के साथ माला सिन्हा और रामानंद सागर के साथ तीन बेटों की मौत पर चीत्कार कर रहा था।

उधर Kullu- Manali Shooting के लिए आ रहे  दुर्घटनाग्रस्त विमान के  मलबा और यात्रियों के शवों की तलाश करने के लिए विशेष पर्वतारोही खोजी टीम भेजने की तैयारियां हो रही थीं।

रामानन्द सागर के बेटे प्रेम सागर की लिखी पुस्तक ‘रामनन्द सागर के जीवन की अथक कहानी’ में इस प्रकरण का उल्लेख किया गया है।

Kullu- Manali Shooting: रास्ता भटक गया निजी प्लेन

खबर कितनी सनसनीखेज थी, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शाम को प्रकाशित होनेवाले देश के सभी अखबारों ने Kullu- Manali Shooting के लिए आ रही पूरी यूनिट के 20 सदस्यों की विमान दुर्घटना में मृत्यु की घोषणा कर दी थी। भुंतर के विमान यातायात नियंत्रण टॉवर ने विमान के लापता होने की घोषणा कर दी थी।

साल 1968 में देशभक्ति पूर्ण जासूसी थ्रिलर फिल्म ‘आंखें’ के सफल प्रदर्शन के बाद रामानंद सागर ने हिमालय की पृष्ठभूमि में संगीतमय प्रेम की फिल्म ‘गीत’ की आउटडोर शूटिंग के लिए Kullu- Manali Shooting लोकेशन फ़ाइनल की।

उस दौर में यहां के लिए कोई फ्लाइट नहीं थी, इसलिए दिल्‍ली से कुल्लू और वापस दिल्‍ली के लिए एक निजी डकोटा विमान की व्यवस्था की गई, जिसका पायलट एक जर्मन था।

हिमालय क्षेत्र की एक साथ जुड़ी घाटियों और एक चोटी के पीछे छिपे भुंतर (कुल्लू) की हवाई पट्टी के कारण दिल्ली का पालम हवाई अड्डे से उड़ा चार्टर्ड डकोटा विमान रास्ता भटक गया था।

विमान में हर कोई डरा था

‘रामनन्द सागर के जीवन की अथक कहानी’ के अनुसार Kullu- Manali Shooting के लिए आ रहे विमान के पायलट ने 20 मिनट में भुंतर पहुंचने की घोषणा की थी, लेकिन डेढ़ घंटा बीत गया तो स्पीकर पर पायलट की आवाज सुनाई दी–‘हम रास्ता भटक गए हैं।’ विमान में सवार सभी लोग घबरा रहे थे।

माला सिन्हा चीखी थी, ‘मैं अपने पूरे परिवार के साथ मर जाऊंगी।‘ राजेंद्र कुमार ने फुसफुसाकर कहा, मैं अपने परिवार में अकेला ही मरुंगा। टुन-टुन, केश्टो मुकर्जी नियंत्रण से बाहर हो गए थे और निश्चित मृत्यु को स्वीकार नहीं कर पा रहे थे। नाजिर हुसैन भावहीन शांत थे।

हादसे की खबर के बीच सितारों का स्वागत

Kullu- Manali Shooting के लिए दिल्ली से उड़े निजी विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर अखबारों में प्रकाशित हो गई थी। रेडियो चीख चीख कर मरने वालों की संख्या बता रहा था।

Kullu- Manali Shooting के लिए आ रहे विमान के पायलट ने विमान को गलत दिशा में मोड़ दिया था।

रामानन्द सागर घाटी की भौगोलिक स्थिति से परिचित थे। उन्होंने पायलट को बाई और मुड़ने को कहा तो थोड़े समय बाद ही रोशनी से प्रकाशित कुल्लू की सुंदर हरी घाटी दिखाई देने लगी।

जैसे ही विमान हवाई पट्टी के निकट पहुंचा, इंजन छक-छक की आवाज करने लगा। दरअसल विमान का पेट्रोल खत्म हो चुका था, लेकिन अनुभवी पायलट ने ईंधन के बिना ही विमान को हवाई पट्टी पर उतार दिया।

रेडियो पर विमान हादसे की खबरों के बीच विमान के टर्मिनल में Kullu- Manali Shooting  यूनिट के पहुँचने पर हजारों लोगों की भीड़ अपने चहते फिल्मी सितारों के अभिनंदन और स्वागत के तैयार थी। यूनिट ने मनोयोग के साथ Kullu- Manali Shooting का शेड्यूल पूरा किया।

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