लेडी डफरिन : ब्रिटिश शिमला की सबसे खूबसूरत ब्रिटिश मेम, लंदन के अखबारों और पेरिस की फैशन मैगज़ीनों में होते थे जिसके हुस्न के चर्चे

लेडी डफरिन : ब्रिटिश शिमला की सबसे खूबसूरत ब्रिटिश मेम, लंदन के अखबारों और पेरिस की फैशन मैगज़ीनों में होते थे जिसके हुस्न के चर्चे
विनोद भावुक / शिमला
19वीं सदी के उत्तरार्ध से 20वीं सदी की शुरुआत तक शिमला ब्रिटिश राज की ग्रीष्मकालीन राजधानी थी। यह हिल स्टेशन केवल ब्रिटिश सत्ता और राजनीति का केंद्र नहीं था, बल्कि यहां थियेटर, फैशन और क्लब लाइफ भी उभार ले चुकी थी। शिमला का टाउन हॉल, कॉफी हाउस, माल रोड और सेंट्रल चर्च जैसे ब्रिटिश लाइफ स्टाइल वाले स्थानों पर ब्रिटिश मेम साहब लेडी डफरिन के हुस्न के चर्चे आम थे,जिसे समकालीन ब्रिटिश समाज में शिमला की सबसे खूबसूरत महिला माना जाता था।
हैरिएट जॉर्जियाना हैमिल्टन-टेम्पल-ब्लैकवुड को विवाह के बाद मार्चियोनेस ऑफ डफरिन एंड एवा या आम तौर पर लेडी डफरिन कहा गया। वे 1884 से 1888 तक भारत के वायसराय लॉर्ड डफरिन की पत्नी थीं। सुंदरता के साथ शिष्टाचार, परिधान और समाजिक कार्यों ने भी उन्हें विशिष्ट बना दिया था। उनकी सुंदरता के किस्से लंदन के अखबारों, पेरिस की फैशन मैगज़ीनों और यहां तक कि ब्रसेल्स और वियना के राजनयिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बने।
हिल्स क्वीन की सोशल क्वीन
लेडी डफरिन का शिमला प्रेम जगजाहिर था। वे हर गर्मियों में शिमला आतीं और टाउन हॉल में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की मुख्य आकर्षण होतीं। उनका रहन-सहन, रेशमी गाउन, अंग्रेजी टोपी और अद्वितीय मुस्कान मिलकर उन्हें एक ‘सोशल क्वीन’ बना देते थे।
ब्यूटी विद ब्रेन एंड हार्ट
लेडी डफरिन की खूबसूरती से इतर, उसकी सबसे बड़ी पहचान उसका महिला स्वास्थ्य के प्रति समर्पण था। उसने 1885 में ‘लेडी डफरिन फंड’ की स्थापना की, जिसका उद्देश्य भारत की महिलाओं को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराना था। इस फंड से महिला डॉक्टरों, दाइयों और अस्पतालों की श्रृंखला खड़ी हुई। शिमला, लाहौर, दिल्ली, कोलकाता सहित कई शहरों में इसका असर देखने को मिला।
केवल भारत में नहीं, यूरोप की राजनयिक और साहित्यिक गलियों में लेडी डफरिन की चर्चा होती थी। अंग्रेज लेखकों और यात्रियों ने अपनी डायरी और संस्मरणों में शिमला की सुंदरतम महिला” के रूप में लेडी डफरिन का ज़िक्र किया है।

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