बहुआयामी प्रतिभा : कथावाचक, गायिका, संगीतकार, कवियत्री और योग प्रशिक्षक, हर भूमिका में कामयाबी की ‘खुशबू’

बहुआयामी प्रतिभा : कथावाचक, गायिका, संगीतकार, कवियत्री और योग प्रशिक्षक, हर भूमिका में कामयाबी की ‘खुशबू’
बहुआयामी प्रतिभा : कथावाचक, गायिका, संगीतकार, कवियत्री और योग प्रशिक्षक, हर भूमिका में कामयाबी की ‘खुशबू’
ज्योति मोर्या / हिमाचल बिजनेस
संगीत के सुर, समाज सेवा की भावना और संस्कृति के प्रति समर्पण जब एक ही व्यक्तित्व में समाहित हो जाए, तो जन्म होता है एक ऐसी शख्सियत का जो केवल कलाकार नहीं, एक आंदोलन बन जाती है। कुल्लू जिले से ताल्लुक रखने वाली कथावाचक, गायिका, संगीतकार, कवियत्री और योग प्रशिक्षक पंडित खुशबू भारद्वाज ऐसी ही विलक्षण प्रतिभा की धनी हैं।
खुशबू भारद्वाज महज एक कलाकार नहीं हैं, युवाओं के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने साबित किया है कि प्रतिभा और परिश्रम के साथ जब सेवाभाव जुड़ जाता है, तब इंसान सिर्फ सफल नहीं, मूल्यवान बन जाता है।
सुरों की साधना से मिली पहचान
मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मी खुशबू भारद्वाज के पिता खेम राज और माता रविंद्रा भारद्वाज खुद संगीतप्रेमी रहे हैं। बचपन से ही सुरों में पली-बढ़ीं खुशबू ने न केवल गायन में गोल्ड मेडल हासिल किया, बल्कि अखिल भारतीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त कर संगीत के क्षेत्र में अपना परचम लहराया है। आज उन्हें कुल्लू की ‘स्वर कोकिला’ कहा जाता है। उनकी गायकी जन-जन तक पहुंची है। उनका नाटक दूरदर्शन पर प्रसारित हुआ और उनकी प्रस्तुति को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर खूब सराहा गया।
समाज की सेवा के सुर
कोविड-19 महामारी के समय जब अधिकांश लोग घरों में थे, खुशबू भारद्वाज ने एनसीसी के सीनियर अंडर ऑफिसर के रूप में क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में स्वेच्छा से अपनी सेवाएं दीं। मरीजों की देखभाल, दवाइयों की व्यवस्था, मानसिक संबल, उन्होंने निःस्वार्थ सेवा को जीवन का अंग बना लिया।
जल सेवा, सफाई अभियान, वृक्षारोपण और सामाजिक बुराइयों के खिलाफ जनजागरूकता फैलाने जैसे समाज सेवा कार्यों में वे हमेशा अग्रणी भूमिका निभाती आ रही हैं।
हुनर के लिए मिले सम्मान
खुशबू ने योग प्रशिक्षण में दक्षता हासिल की है। पर्वतारोहण और निशानेबाजी में भी सहभागिता की है। वे एक संवेदनशील कवियत्री भी हैं जिनकी रचनाएं संस्कृति और स्त्री सशक्तिकरण की भावना से ओतप्रोत होती हैं।
उनकी बहुमुखी प्रतिभा को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। उन्हें नेशनल एक्सीलेंस अवार्ड, मुख्यमंत्री अवार्ड, वीमेन पावर अवार्ड और ऑल ओवर टैलेंट अवार्ड ‘शन-ए-भारत’ से सम्मानित किया गया है।
हिमाचल और देश-दुनिया की अपडेट के लिए join करें हिमाचल बिज़नेस
https://himachalbusiness.com/heritage-conservation-history-should-remain-alive-for-the-new-generations-dr-rakesh-kumar-sharmas-special-role/

Jyoti maurya

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *