Name of Place – ऐसे परोपकारी काम, फेमस हुए पहाड़ी में नाम
विनोद भावुक / धर्मशाला
परोपकार करना पुण्य है और किसी को पीड़ा पहुंचाना पाप है। दुनिया भर के लोग परोपकार की भावना से पुण्य के कार्य करते हैं। हिमाचल प्रदेश का भू भाग भी सदियों से परोपकार और परोपकारी लोगों की उपस्थिति के लिए जाना जाता है।
विभिन्न कालखण्डों में यहां कई ऐसे परोपकारी हुए, जिनके स्थानीय जनता के लिए किए गए परोपकार के कार्यों ने उनके नाम और काम की स्मृति को चिर स्थाई बना दिया गया है।
उन परोपकारियों के नामों पर स्थानीय बोली में Name of Place पड़ गए हैं, जो आज भी उनकी याद तरोताजा रखे हुए हैं। हिमाचल प्रदेश भाषा एव संस्कृति विभाग की तरफ से प्रकाशित पुस्तक ‘हिमाचल प्रदेश के स्थान नाम व्युत्पत्तिजनय विवेचनात्मक अध्ययन’ में ऐसे स्थानों को संग्रहित किया गया है।
बानुए दा खुह
कांगड़ा जिला में धर्मशाला-शिमला राजमार्ग पर सुविख्यात शक्तिपीठ ज्वालामुखी से 5 कि.मी. की दूरी पर बानुए दा खुह स्थान है। कहते हैं कि वहां बात नमक एक व्यापारी ने कुआं खुदवाया था। कुआं के लिए यहां प्रायः खुह शब्द का प्रयोग होता है। अतः बानु के बनाए खुह के आधार पर इसका Name of Place ‘बानुए दा खुह’ पड़ गया हैं।
रुकमणि कुण्ड
बिलासपुर जिला की घुमारवीं तहसील में स्थित रुकमणि कुण्ड नामक पावन तीर्थ स्थल के बारे में बताया जाता है कि यहां क्षेत्र की जनता के जल संकट को दूर करने के लिए प्रोपकारी नारी शक्ति वीरांगना रुकमणि ने अपना बलिदान दिया था। उन्हीं के बलिदान से यहां का जलकुण्ड अस्तित्व में आया है, जिससे यहां का Name of Place ‘रुकमणि कुण्ड पड़ा है। लगभग दो सौ मीटर घेरे में फैला यह जलकुण्ड एक पावन तीर्थ के रूप में ख्याति प्राप्त है।
लालेयां दा टियाला
हमीरपुर जिला में धनेटा कस्बा के साथ में यह स्थान स्थित है। यहां किसी समय धनेटा के एक दुकानदार लाला ने लोगों के विश्राम की सुविधा के लिए एक अटियाला बनवाया था जो आज भी यहां पर है। लाला द्वारा निर्मित अटियाला के कारण ही यह Name of Place ‘ ‘लालेयां दा टियाला’ कहलाता है।
कालू दी बड़
ऊना जिला की अम्ब तहसील के इस गांव में कालू राम नामक व्यक्ति का लगाया गया एक विशाल वट वृक्ष होने के कारण इस स्थान का नाम कालू दी बड़ नाम पड़ा है।
जल्लो दी बड़
ऊना जिला की अंब तहसील में जल्लो नाम के व्यक्ति के हाथों लगाया गया वट का प्राचीन पेड़ है। इस कारण से यह Name of Place ‘‘जल्लो दी बड़’ के नाम से मशहूर हो गया।
धौला कुआं
सिरमौर जिला में नाहन- पांवटा सड़के के किनारे नाहन से तीस किलोमीटर दूर धौला कुआं नामक स्थान है। किसी समय यहा धौलू और रणु नाम के दो भाई हुए। धौलू बड़ा परोपकारी स्वभाव का था। पेयजल की सुविधा के लिए उसने गांव में कुआं खुदवाया। इस कार्न यह Name of Place ‘धौला कुआं के नाम से प्रतिष्ठित हुई।
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