शार्प मेमोरी : लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है हिमाचल प्रदेश के आईएएस अधिकारी राजीव कुमार चौधरी का नाम, स्टूडेंट्स को जल्द हो याद, उन्होंने ऐसी तकनीक की है इजाद

शार्प मेमोरी : लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है हिमाचल प्रदेश के आईएएस अधिकारी राजीव कुमार चौधरी का नाम, स्टूडेंट्स को जल्द हो याद, उन्होंने ऐसी तकनीक की है इजाद
विनोद भावुक / शिमला
हिमाचल प्रदेश के आईएएस अधिकारी राजीव चौधरी ने ऐसी तकनीक विकसित की है, जो स्टूडेंट्स और प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले युवाओं के लिए वरदान साबित हो रही है। शार्प मेमोरी को लेकर उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है। राजीव कुमार चौधरी का ‘इंडिया ब्रेन पावर’ उनकी सालों की स्टडी और रिसर्च का प्रतिफल है। पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक एवं बुवा सेवाएं एवं खेल विभाग के निदेशक राजीव कुमार का चौधरी का नाम शार्प मेमोरी के लिए वर्ष 1996 में ‘लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ था। वर्ष 2003 में वे प्रशासनिक सेवा में आए है। राजीव कुमार चौधरी 97 आईएएस के बैच का हिस्सा हैं, जो इन दिनों 126 इंडक्शन प्रोग्राम में भाग ले रहे हैं।
आइएएस राजीव कुमार चौधरी ऐसी तकनीक विकसित करने में जुटे हैं, जिसकी मदद से स्टूडेंट्स कम समय में अधिक से अधिक जानकारी हासिल कर उसे याद कर सकें और वे अपने दिमाग का अधिकतम इस्तेमाल कर सकें। उन्होंने ऐसे कई वीडियो बनाए हैं, जिनको देखने मात्र से ही कोई भी व्यक्ति कुछ ही समय में जानकारी को याद कर सकता है। उनके यूट्यूब चैनल पर ऐसे कई वीडियो उपलब्ध हैं।
एमाजोन कैंडल पर उपलब्ध हैं पुस्तकें
आइएएस राजीव कुमार चौधरी अब तक चार पुस्तकें लिख चुके हैं। ‘मेमोरी स्टडी और एग्जाम टेक्नीक्स’, ‘आईएएस साइकोलॉजी, मुख्य परीक्षा के सोलव पेपर’, निबंध लिखने की विधियां और नॉन वर्बल रीजनिंग जैसी उनकी लिखी कई महत्वपूर्ण पुस्तकें एमाजोन कैंडल पर उपलब्ध हैं।
मेमोरी स्टडी एंड, एग्जाम टेक्नीक्स
राजीव कुमार चौधरी कांगड़ा जिला के एक मध्यवर्गीय परिवार से संबंध रखते हैं। उनकी उच्च शिक्षा कॉरेसपोडेंस हुई। उन्होंने अपनी मेहनत और खुद विकसित की हुई तकनीक से लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज करवाया। साल 1996 में ही उन्होंने ‘मेमोरी स्टडी एंड एग्जाम टेक्नीक्स’ किताब लिखी, जो उस समय हिमाचल सरकार ने प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों, कॉलेजों व स्कूलों में अनिवार्य पुस्तक थी।
सफलता के लिए मार्गदर्शन
राजीव कुमार चौधरी ने खुद कड़े संघर्ष से कामयाबी हासिल की है। कई बाधाएं होने के बावजूद अगर वे कामयाब हो सकते हैं, फिर अन्य स्टूडेंट्स क्यों नहीं? अधिकतर स्टूडेंट्स न तो बुद्धिहीन होते हैं और न ही कठिन परिश्रम से डरते हैं, लेकिन उन्हें सही मार्गदर्शन का अभाव होता है।
उनकी स्टडी तकनीक का मुख्य उद्देश्य स्टूडेंट्स को उनके दिमाग का अधिकतम इस्तेमाल करना सिखाना है, ताकि वह शिक्षा के क्षेत्र व अपनी जिंदगी में सफलता हासिल कर सकें। वे उन स्टूडेंट्स का निःशुल्क मार्गदर्शन करते हैं, जो देश के दूर-दराज इलाकों में रहते हैं तथा शहरों में महंगी कोचिंग हासिल नहीं कर सकते।
हिमाचल और देश-दुनिया की अपडेट के लिए join करें हिमाचल बिज़नेस
https://himachalbusiness.com/bamboo-museum-a-unique-building-made-of-100-bamboo-in-palampur-where-everything-from-furniture-to-cutlery-is-made-of-bamboo/