गाओ मिंया मल्हार या भीम प्लासी, टोरेक्स कफ सिर्प है तो अलविदा खांसी’, 40 साल पहले अढ़ाई लाख से शुरू हुई Torque Pharmaceuticals का सालाना कारोबार 400 करोड़ पार

गाओ मिंया मल्हार या भीम प्लासी, टोरेक्स कफ सिर्प है तो अलविदा खांसी’, 40 साल पहले अढ़ाई लाख से शुरू हुई Torque Pharmaceuticals का सालाना कारोबार 400 करोड़ पार
विनोद भावुक / शिमला
पंजाब के मशहूर गजल गायक जगजीत सिंह टीवी विज्ञापन में अक्सर कहते सुने जाते थे, ‘गाओ मिंया मल्हार या भीमपलासी, टोरेक्स कफ सिर्प है तो अलविदा खांसी’। जगजीत सिंह 2007 तक टोरेक्स कफ सिर्प के ब्रांड एंबेसडर रहे और खांसी की दवा के रूप में यह सिर्प बहुत मशहूर हुआ था। इस सिर्प को बनाने वाली कंपनी का नाम है Torque Pharmaceuticals जो 40 साल पहले महज 2.40 करोड़ की छोटी सी पूंजी से शुरू हुई थी। भारत में फार्मा उद्योग में Torque Pharmaceuticals एक ऐसा नाम बनकर उभरा है, जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना ली है।
यह फार्मा कंपनी कई देशों को दवाईयाँ उपलब्ध करवा रही है। हिमाचल प्रदेश के बद्दी और पंजाब के डेराबस्सी से संचालित की जारी यूनिट्स के माध्यम से यह कंपनी देश- विदेश के करोड़ों लोगों तक गुणवत्ता वाली दवाएं पहुंचा रही है। Torque Pharmaceuticals की कहानी एक छोटे से निवेश से लेकर अंतरराष्ट्रीय मानकों वाली फार्मा कंपनी बनने तक की यात्रा है। हिमाचल और पंजाब की धरती से निकली यह कंपनी आज देश की फार्मा शक्ति का प्रतीक बन चुकी है।
1991 में मैक ब्राउन कंपनी का अधिग्रहण
Torque Pharmaceuticals की नींव अगस्त 1985 में रखी गई थी। कंपनी के संस्थापक पी.एस. चटवाल (P.S. Chhatwal) और सह-संस्थापक ए.आई.एस. बेदी (A.I.S. Bedi) ने महज 2.4 लाख की पूंजी से इस कंपनी की शुरूआत की थी। शुरू में कंपनी केवल ओरल लिक्विड्स बनाती थी। साल 1987 में कंपनी ने टैबलेट की प्रॉडक्शन शुरू की और साल 1991 में मैक ब्राउन (Mac Brown) कंपनी का अधिग्रहण कर युगांडा में पहला दावा निर्यात किया था।
डेराबस्सी और बद्दी में उत्पादन इकाइयां
पंजाब राज्य के डेराबस्सी के इस्सापुर में 1.5 लाख वर्ग फुट क्षेत्रफल में फैला कंपनी यूनिट पूरी तरह से औटोमेटिक और निर्यात केंद्रित है। सोलन के बद्दी इंडस्ट्रियल एरिया में झारमाजरी में 90,000 वर्ग फुट में स्थापित यूनिट में घरेलू बाज़ार के लिए दवाइयों का उत्पादन होता है। 2010 में बद्दी में 2 लाख वर्ग फुट में एक अन्य यूनिट विस्तारित की गई। इसके अतिरिक्त 40 एकड़ में टेक्सटाइल यूनिट (यार्न स्पिनिंग) भी विकसित की गई है।
कई देशों को दवाइयों का निर्यात
Torque की दवाइयाँ युगांडा, केन्या, मोजाम्बिक, अंगोला, म्यांमार, अफगानिस्तान, नेपाल, गाम्बिया और लाइबेरिया जैसे देशों को निर्यात की जाती हैं। साल 2005 में कंपनी को WHO-GMP प्रमाणन और ISO 9001-2000 की मान्यता प्राप्त हुई।
युगांडा की नेशनल ड्रग्स अथॉरिटी और केन्या की फार्मेसी एंड पॉइज़न बोर्ड ने भी कंपनी को निर्यात की अनुमति दी है।कंपनी का वार्षिक कारोबार 200 से 400 करोड़ के बीच अनुमानित है। कंपनी को NSIC-CRISIL SE1B रेटिंग मिली है, जो उच्चतम प्रदर्शन क्षमता व मध्यम वित्तीय मजबूती को दर्शाती है।
नेतृत्व और संस्थापक
36 वर्षों से फार्मा उद्योग में अनुभव रखने वाले कंपनी के संस्थापक पी.एस. चटवाल, हिमाचल ड्रग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्य रहे। साल 2022 में मृत्यु से पहले तक वे कंपनी का शानदार नेतृत्व संभालते रहे।
फार्मास्युटिकल पृष्ठभूमि वाले सहसंस्थापक ए.आई.एस. बेदी वर्तमान प्रबंध निदेशक के रूप में कंपनी का नेतृत्व संभाल रहे हैं। युवा पीढ़ी में मंदीप सिंह और अभय बेदी कंपनी को नई ऊँचाइयों पर ले जा रहे हैं।
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