खून में खेल : मनाली के एक घर में तीन नेशनल चैंपियन, दोनों बेटों के साथ बेटी भी स्कीइंग प्लेयर, पिता ट्रेनर

खून में खेल : मनाली के एक घर में तीन नेशनल चैंपियन, दोनों बेटों के साथ बेटी भी स्कीइंग प्लेयर, पिता ट्रेनर
खून में खेल : मनाली के एक घर में तीन नेशनल चैंपियन, दोनों बेटों के साथ बेटी भी स्कीइंग प्लेयर, पिता ट्रेनर
विनोद भावुक/ मनाली
मिलते हैं मनाली के एक बिरले खिलाड़ी परिवार से, जिसके खून में ही खेल शामिल है। इस परिवार में तीन नेशनल चैंपियन हैं। परिवार के दोनों बेटे और एक बेटी स्कीइंग के नेशनल चैंपियन रह चुके हैं। दोनों बेटे एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इन नेशनल चैंपियन के पिता एक मशहूर पर्वतारोही और स्कीइंग ट्रेनर हैं। उनका जीवन हजारों स्टूडेंट्स को पर्वतारोहण और स्कीइंग के गुर देने में समर्पित रहा है।
खिलाड़ियों का यह परिवार स्कीइंग कार्यक्रम, साहसिक शिविर, संस्कृति यात्राएं और नेतृत्व शिविर आयोजित करता हैं और मनाली के पलचान में क्लिफ्टटॉप- बुटीक स्टे के नाम की एक सुंदर प्रॉपर्टी की मेजबानी भी करता है। यह परिवार साहसिक खेलों के व्यवसाय में विशेषज्ञता प्रदान करता है।
बड़ा बेटा : जापान में भारत के स्की कोच
घनश्याम ठाकुर के बड़े बेटे कपिल ठाकुर एक मशहूर स्कीयर हैं। प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला से पर्यटन अध्ययन में स्नातकोत्तर कपिल ने 4 साल की उम्र से ही स्कीइंग शुरू कर दी थी। उन्होंने कई मेडल जीते। वह साल 2002 और साल 2005 में नेशनल चैंपियनशिप में सब जूनियर और जूनियर कैटेगरी में गोल्ड मेडलिस्ट थे। उन्हें बेस्ट स्कीयर अवॉर्ड मिला है।
कपिल ठाकुर ने साल 2001 में दक्षिण कोरिया और साल 2002 में जापान में एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। साल 2016 में उन्होंने जापान सरकार द्वारा जापान में आयोजित एक स्की कार्यक्रम में भारत से स्की कोच के रूप में भाग लिया है। साल 2008 में उनकी विशिष्ट उपलब्धियों के लिए प्रदेश के युवा सेवाएं एवं खेल विभाग ने सम्मानित किया है।
छोटा बेटा : एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व
घनश्याम ठाकुर के छोटे बेटे विक्रांत ठाकुर भी एक प्रसिद्ध स्कीयर हैं। विक्रांत ने प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से बीसीए किया है। विक्रांत ने भी बहुत कम उम्र से ही स्की सीखना शुरू कर दिया था। विक्रांत ने अपने स्की करियर में कई मेडल भी जीते हैं। वह नेशनल स्की चैंपियनशिप में गोल्ड मेडलिस्ट हैं।
विक्रांत ठाकुर ने साल 2007 में लेबनान में आयोजित एशियाई खेलों में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया है। खेल के क्षेत्र में उनकी विशिष्ट उपलब्धियों के लिए प्रदेश के युवा सेवाएं एवं खेल विभाग ने उन्हें सम्मानित किया है।
बेटी : नेशनल स्की चैंपियनशिप में जीते मेडल
घनश्याम ठाकुर की बेटी पूजा ठाकुर ने प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला से एमए और बीएड किया है। अपने बड़े भाइयों की तरह पूजा ने भी बहुत कम उम्र से ही स्की खेल को सीख लिया। उन्होंने अपने स्की करियर में स्टेट और नेशनल स्की चैंपियनशिप में कई मेडल जीते हैं।
खेल के क्षेत्र में उनकी विशिष्ट उपलब्धियों के लिए प्रदेश के युवा सेवाएं एवं खेल विभाग ने पुरस्कार प्रदान किया है। वर्तमान में पूजा ठाकुर सरकारी नौकरी में सेवारत हैं।
पिता: देश भर के खिलाड़ियों को तराशा
घनश्याम ठाकुर मनाली के एक प्रसिद्ध पर्वतारोही और स्कीइंग प्रशिक्षक हैं। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग एंड एलाइड स्पोर्ट्स मनाली में एक वरिष्ठ पर्वतारोहण प्रशिक्षक के रूप में काम किया।
घनश्याम ठाकुर को पर्वतारोहण और स्कीइंग का 31 साल का अनुभव है। भारत भर के हजारों स्टूडेंट्स ने उनके अधीन पर्वतारोहण और स्कीइंग पाठ्यक्रम पूरे किए हैं। वह साल 2019 सेवानिवृत्त हुए हैं।
क्लिफ्टटॉप – बुटीक स्टे का संचालन
कपिल ठाकुर अपने छोटे भाई विक्रांत ठाकुर के साथ मिल कर स्कीइंग कार्यक्रम, साहसिक शिविर, सामुदायिक कार्य, संस्कृति यात्राएं और नेतृत्व शिविर आयोजित करते हैं। ठाकुर परिवार पलचान, मनाली में क्लिफ्टटॉप – बुटीक स्टे नाम की एक सुंदर प्रॉपर्टी की मेजबानी करते हैं।
क्लिफ्टटॉप पलचान में स्थित है जो मुख्य मनाली शहर से सिर्फ 15 मिनट की ड्राइव पर है। क्लिफ्टटॉप उन लोगों के लिए एक अनुभव है जो बर्फ से ढके पहाड़ों, प्राचीन प्रकृति और रोमांच से प्यार करते हैं।
क्लिफ्टटॉप – बुटीक स्टे बुकिंग के लिए संपर्क कर सकते हैं-
कपिल ठाकुर- 94599 60282
विक्रांत ठाकुर- 98170 08067
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Jyoti maurya

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