Thangka Painting की पहली भारतीय महिला चित्रकार और शिक्षिका

Thangka Painting की पहली भारतीय महिला चित्रकार और शिक्षिका
हिमाचल बिजनेस कंटेन्ट/ धर्मशाला 
डॉ. सारिका सिंह बौद्ध परंपरा की Thangka Painting (थंका पेंटिंग) की पहली भारतीय महिला चित्रकार और शिक्षिका हैं। वे ‘सेंटर फॉर लिविंग बुद्धिस्ट आर्ट, ‘थंगदे गत्सल थंका स्टूडियो और हिमालय कला संग्रहालय की सह संस्थापक हैं। उन्होंने 25 साल में 300 से ज्यादा मास्टरपीस पेंटिंग बनाईं हैं और दुनिया भर में यात्रा कर अपनी कला का प्रदर्शन किया है। सारिका थंगड़े गत्सल स्टूडियो में 22 साल से भारतीय और विदेशी छात्रों को पढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने प्राचीन परंपरा पर आधारित थंका पाठ्य पुस्तकें लिखीं हैं और 10,000 से अधिक थंका चित्र संरक्षित किये हैं। उन्होंने भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय में विशेषज्ञ सलाहकार के रूप में सेवाएं दी हैं।
डॉ. सारिका सिंह बौद्ध परंपरा की Thangka Painting (थंका पेंटिंग) की पहली भारतीय महिला चित्रकार और शिक्षिका हैं। वे 'सेंटर फॉर लिविंग बुद्धिस्ट आर्ट, 'थंगदे गत्सल थंका स्टूडियो और हिमालय कला संग्रहालय की सह संस्थापक हैं।

नोरबुलिंगका से की थंका पेंटिंग की पढाई

13 अगस्त, 1976 को नई दिल्ली में जन्मी सारिका ने साल 1996 में, धर्मशाला में प्रतिष्ठित नोरबुलिंगका संस्थान में अपने गुरु, तेम्पा छोफेल के संरक्षण में Thangka Painting (थंका पेंटिंग) की कला में अपनी पढ़ाई शुरू की। वर्ष 2015 में, उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से ‘बौद्ध और तिब्बती अध्ययन’ में मास्टर डिग्री और वर्ष 2021 में हिमाचल प्रदेश के केंद्रीय विश्वविद्यालय से ‘पीएचडी’ पूरी की।

Thangka Painting : 2,300 साल पुरानी चित्रों की यात्रा का झरोखा

दुनिया के बेहतरीन मास्टर थंका चित्रकारों में से एक, डॉ. सारिका सिंह ने वर्ष 2001 में अपने पति मास्टर लोचो के साथ 'सेंटर फॉर लिविंग बुद्धिस्ट आर्ट' और 'थंगदे गत्सल थंका स्टूडियो' की सह-स्थापना की।

दुनिया के बेहतरीन मास्टर थंका चित्रकारों में से एक, डॉ. सारिका सिंह ने वर्ष 2001 में अपने पति मास्टर लोचो के साथ ‘सेंटर फॉर लिविंग बुद्धिस्ट आर्ट’ और ‘थंगदे गत्सल थंका स्टूडियो’ की सह-स्थापना की। साल 2019 में, उन्होंने हिमालय कला संग्रहालय की स्थापना की जो हमें भारत और तिब्बत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से जोड़ता है। यह संग्रहालय बौद्ध चित्रों की परंपरा की 2,300 साल पुरानी यात्रा का एक झरोखा है। संग्रहालय में मास्टर लोचो और डॉ सारिका सिंह द्वारा बनाए गए बेहतरीन मास्टर पीस प्रदर्शित किये गए हैं।

25 साल में बने 300 से ज्यादा मास्टरपीस पेंटिंग

सारिका ने 25 साल में 300 से ज्यादा Thangka Painting की मास्टरपीस पेंटिंग बनाईं हैं और दुनिया भर में यात्रा कर अपनी कला का प्रदर्शन किया है। उन्होंने बौद्ध चित्रों की 2300 वर्षों की यात्रा को दर्शाती 45 उत्कृष्ट कृतियों के साथ संग्रहालय बनाया गया।

सारिका ने 25 साल में 300 से ज्यादा Thangka Painting की मास्टरपीस पेंटिंग बनाईं हैं और दुनिया भर में यात्रा कर अपनी कला का प्रदर्शन किया है। उन्होंने बौद्ध चित्रों की 2300 वर्षों की यात्रा को दर्शाती 45 उत्कृष्ट कृतियों के साथ संग्रहालय बनाया गया। सारिका ने अजंता की गुफाओं, ताबो और अल्ची मठ की प्राचीन भारतीय कलात्मक शैलियों पर शोध किया है और उनका पुनर्निर्माण किया गया है। उन्होंने उन्नत प्रौद्योगिकी के साथ प्राचीन थंका विषयों को मर्ज करने वाली थंका कलाकृति बनाई गई।

दलाई लामा कार्यालय में थंका चित्रकार और शिक्षिका

साल 1996 में सारिका को परम पावन दलाई लामा के फाउंडेशन फॉर यूनिवर्सल रिस्पॉन्सिबिलिटी की तरफ से छात्रवृत्ति मिली। वर्ष 1997 में सारिका को लेडी श्रीराम कॉलेज की तरफ से ‘कला और सजावट के लिए पुरस्कार मिला। साल 2006 में लेडी श्री कॉलेज के स्वर्ण जयंती समारोह में शीर्ष 50 सबसे प्रतिष्ठित पूर्व स्टूडेंट्स में सारिका का चयन हुआ। साल 2010 में सारिका परम पावन दलाई लामा के कार्यालय में थंका चित्रकार और शिक्षिका बनने वाली पहली भारतीय महिला बनी।

विशेषज्ञ सलाहकार समिति की सदस्य

साल 2011 में सारिका, बौद्ध/तिब्बती संस्कृति और कला के संरक्षण के लिए भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की विशेषज्ञ सलाहकार समिति की सदस्य बनी। साल 2012 में सारिका भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की ‘युवा कलाकारों को छात्रवृत्ति’ के लिए विशेषज्ञ सलाहकार समिति की सदस्य बनी। वर्ष 2013 में सारिका भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की हिमालयी सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए विशेषज्ञ सलाहकार समिति की सदस्य बनी। 2015 में सारिका अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ़ स्टेट के फुलब्राइट-नेहरू रिसर्च स्कॉलर एंड आर्टिस्ट की अकादमिक सलाहकार बनाई गई।

विदेशों में कलाकार कार्यशालों में भागीदारी

साल 2000 में सारिका ने ग्राज़, ऑस्ट्रिया में कलाकार कार्यशाला में भाग लिया। वर्ष 2004 में सारिका ने डेनवर विश्वविद्यालय, डेनवर, कोलोराडो, यूएसए में विजिटिंग आर्टिस्ट के तौर पर भाग लिया। साल 2007 में सारिका ने , द जैक्स मार्चैस तिब्बती म्यूजियम, तिब्बत फेस्टिवल, स्टेटन आइलैंड, न्यूयॉर्क, यूएसए में बतौर विजिटिंग आर्टिस्ट हिस्सा लिया।

विदेशों में लगी प्रदर्शनियां

साल 2002 में सारिका ने ग्राज़, ऑस्ट्रिया में पावन दलाई लामा, के विश्व शांति के लिए कालचक्र दीक्षा समारोह से मेल खाती Thangka Painting प्रदर्शित की। साल 2003 में सारिका ने लंदन, यूनाइटेड किंगडम की अक्टूबर गैलरी में तिब्बती बौद्ध कला की समकालीन उत्कृष्ट कृतियाँ प्रदर्शित कीं। साल 2005 में सारिका ने एरिजोना, यूएसए में आधिकारिक पृष्ठभूमि पेंटिंग, शांतिदेव टीचिंग्स, में भाग लिया। साल 2006 में सारिका ने न्यूयॉर्क, संयुक्त राज्य अमेरिका में परम पावन दलाई लामा की शिक्षाओं पर आधारित Thangka Painting की प्रदर्शनी लगाईं।

दलाई लामा की शिक्षाओं पर आधारित चित्र

साल 2007 में सारिका ने न्यूजीलैंड, जर्मनी, न्यूयॉर्क, संयुक्त राज्य अमरीका और ब्लूमिंगटन, इंडियाना, यूएसए में पावन दलाई लामा की शिक्षाओं पर आधारित Thangka Painting की प्रदर्शनियां आयोजित कीं। वर्ष 2008 में सारिका ने सिडनी, ऑस्ट्रेलिया में परम पावन दलाई लामा की शिक्षाओं के साथ प्रदर्शनी आयोजित की। साल 2010 में सारिका ने ब्लूमिंगटन, इंडियाना, संयुक्त राज्य अमेरिका में परम पावन दलाई लामा, की शिक्षाओं के साथ प्रदर्शनी लगाईं।
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