इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड’ में दर्ज है 47 डिग्रियों वाले नगरोटा बगवां के नेवी ऑफिसर डॉ. सुरेंद्र डोगरा का नाम

इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड’ में दर्ज है 47 डिग्रियों वाले नगरोटा बगवां के नेवी ऑफिसर डॉ. सुरेंद्र डोगरा का नाम
विनोद भावुक/ नगरोटा बगवां
परिंदों को मंजिल मिलेगी यकीनन, फैले हुए उनके पर बोलते हैं।
अक्सर वही लोग खामोश रहते हैं, जमाने में जिनके हुनर बोलते हैं।।
कांगड़ा जिला के नगरोटा बगवां उपमंडल के अंबाडी गांव के डॉ. सुरेंद्र डोगरा का नाम 47 शैक्षणिक एवं अन्य योग्यताओं के साथ ‘इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड’ में दर्ज है। हरनाम सिंह के घर जन्मे डॉ. सुरेंद्र डोगरा के नाम कई अनोखे रिकॉर्ड हैं। जब वे 18 वर्ष के थे तो नौसेना में भर्ती हो गए। सेना में सेवारत रहते एसएसबी जैसी कठिनतम परीक्षा पास कर सैन्य अफसर बन अपना, माता-पिता और इलाके का नाम रोशन किया।
डॉ सुरेंद्र डोगरा ने अपने अंदर ज्ञान हासिल की आग को कभी बुझने नहीं दिया। उन्होंने कई संस्थाओं एवं विश्वविद्यालयों से उपाधियां, उपलब्धियां एवं सम्मान हासिल किए हैं। वे एक्यूप्रेशर में गोल्ड मेडलिस्ट हैं और पतंजलि विश्वविद्यालय से योगाचार्य हैं। वे रिकी के ग्रैंडमास्टर भी हैं। उन्हें साल 2022 में आरोग्य रत्न सम्मान मिला है।
सोल्जर से बने आर्मी ऑफिसर
सुरेंद्र डोगरा 18 वर्ष की आयु में भारतीय नौसेना में बतौर सोल्जर भर्ती हुए थे। उन्होंने कमिशन पास कर नौ सेना में अफसर बनने का गौरव हासिल किया। वे देश के 14 राज्यों में अपनी नि:शुल्क योग सेवाएं दे चुके हैं। नौसेना में नौकरी के दौरान उन्होंने आंध्र प्रदेश, तमिलनाडू और उड़ीसा में समाजसेवा से लोगों का दिल जीता है। उनके काम के लिए डब्ल्यूडीआर वर्ल्ड बुक ऑफ टेलेंट रिकॉर्ड ने देश की कई नामी हस्तियों के साथ उन्हें सम्मानित किया है।
पत्रकारिता में दिखाया हुनर
डॉ सुरेंद्र डोगरा ने पत्रकारिता के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय काम किया है। आत्म विकास एवं शारीरिक स्वास्थ्य विषयों पर इनके लेख देश के लगभग सभी प्रतिष्ठित पत्रों में प्रकाशित होते आ रहे हैं।
सेना और समाजसेवा के उत्कृष्ट कार्यों के लिए सुरेंद्र डोगरा को न्यूयॉर्क स्थित अंतरराष्ट्रीय संस्था काउंसिल ऑफ यूनाइटेड स्टेट्स यूएस ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया है।
डॉक्टर, योगाचार्य और ग्रैंड मास्टर
फौजी के बेटे नौ सेना में अफसर
सुरेंद्र डोगरा के पिता भारतीय सेना से सूबेदार रिटायर्ड हुए थे। उनके पिता का देहांत हो चुका है। उनके भाई राजेंद्र डोगरा शिक्षक हैं। सुरेंद्र डोगरा की पत्नी ने शिक्षिका के रूप में सेवाएं प्रदान की हैं, लेकिन बाद में पति के अनुरोध पर जॉब छोड़ दी। उनकी एक बेटी श्रेया है। वैसे तो सुरेन्द्र डोगरा का जीवन ही देश को समर्पित है, लेकिन जब कभी वक्त मिलता है वे सामाजिक कार्यों में भी बढ़- चढ़ कर भाग लेते हैं।
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