Theater Artist Shimla: कभी थी बाल कलाकर, रंगमंच से अब भी प्यार

Theater Artist Shimla: कभी थी बाल कलाकर, रंगमंच से अब भी प्यार

विनोद भावुक/ शिमला

कामकाजी महिला होने के बावजूद परविार और नौकरी में तालमेल बिठाकर रंगमंच, रेडियो और लेखन में बराबर दखल रखने के साथ सामाजिक जिम्मेदारियों का निर्वाहन करना कोई Theater Artist Shimla भारती कुठियाला से सीखे। नगर निगम शिमला की पूर्व सचिव एवं हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी शिमला की पूर्व मनोनित सदस्य भारती कुठियाला बहुआयामी व्यक्तित्व की धनी हैं। एनसीसी कैडेट, बाल कलाकार, स्टूडेंट्स लीडर, रंगकर्मी, कुशल प्रशासक, सोशल एक्टिविस्ट और वरिष्ठ साहित्यकार के तौर पर पहचान बनाने वाली भारती कुठियाला शिमला में साहित्य और कला जगत का बड़ा नाम है।

बीस साल बाद थियेटर में वापसी

नगर निगम शिमला की पूर्व सचिव एवं हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी शिमला की पूर्व मनोनित सदस्य भारती कुठियाला बहुआयामी व्यक्तित्व की धनी हैं। एनसीसी कैडेट, बाल कलाकार, स्टूडेंट्स लीडर, रंगकर्मी, कुशल प्रशासक, सोशल एक्टिविस्ट और वरिष्ठ साहित्यकार के तौर पर पहचान बनाने वाली भारती कुठियाला शिमला में साहित्य और कला जगत का बड़ा नाम है।

अस्सी के दशक में रंगमंच व रेडियो पर बाल कलाकार से तौर अपनी मौजूदगी का एहसास करवाने वाली Theater Artist Shimla भारती कुठियाला को आज भी थियेटर से उतना ही प्यार है। वर्ष 1980 से लेकर 1988 तक शिमला शहर में रंगमंच की गतिविधियों में अपने दमदार अभिनय से तालियां बटोरने वाली भारती ने पोस्टर, बुद्धु का कांटा, गोदाम, सोया हुआ जल से नाटकों के मंचन में अहम भूमिका अदा की। उन्होंने श्रीराम सेंटर और जम्मू में भी थियेटर किया है। बीस साल फिर से भारती कुठियाला ने एक बार फिर से रंगमंच में वापसी की और आषढ़ का एक दिन सहित कई नाटकों में अभिनय किया।

शिमला रेडियो से नाता

अस्सी के दशक में रंगमंच व रेडियो पर बाल कलाकार से तौर अपनी मौजूदगी का एहसास करवाने वाली Theater Artist Shimla भारती कुठियाला को आज भी थियेटर से उतना ही प्यार है।

भारती कुठियाला को आकाशवाणी के शिमला केंद्र से आने वाले बच्चों के कार्यक्रम से ऐसा लगाव हुआ कि वह अब तक जारी है। वर्ष 1982 से 2018 तक उन्होंने सैंकड़ों रेडियो वार्ताओं में भाग लिया है और रेडियो पर गीति नाटकों के प्रसारण में स्वर प्रदान किया है। वर्ष 1991 से 1996 के दौरान आकाशवाणी और जालंधर दूरदर्शन से प्रसारित नाटकों में भागीदारी की है। शिमला दूरदर्शन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम में 2012 से 2014 तक भारती कुठियाला के निभाए बुआ के पात्र का लाइव प्रसारण हुआ है। Theater Artist Shimla भारती ने साल 2005 में गढ़वाली फिल्म मशाण का कांगड़ी बोली में अनुवाद किया है और इस फिल्म के मुख्य पात्र के स्वर की डबिंग भी की है।

साहित्य से बचपन का नाता

Theater Artist Shimla भारती ने साल 2005 में गढ़वाली फिल्म मशाण का कांगड़ी बोली में अनुवाद किया है और इस फिल्म के मुख्य पात्र के स्वर की डबिंग भी की है।

साहित्यिक पृष्ठभूमि होने के कारण बचपन से ही Theater Artist Shimla भारती नामी साहित्यिक पत्रिकाओं दिनमान , धर्मयुग, साप्ताहिक हिन्दुस्तान, सारिका व हिमप्रस्थ की नियमित पाठक रही हैं। उनकी कई साहित्यिक रचनाएं और लेख विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं। राज्य स्तरीय गुलेरी जयन्ती कहानी प्रतियोगिता में उन्हें तीसरा स्थान हासिल हुआ है। कविता, कहानी, नाटक, लेख विधा में उनकी मजबूत पकड़ है। उनका पहला काव्य संग्रह, लकीरें बोलती हैं और कहानी संग्रह डायरी के पन्ने प्रकाशनाधीन हैं।

57 बार रक्तदान का रिकॉर्ड

Theater Artist Shimla भारती कुठियाला विभिन्न संस्थाओं से जुड़ कर समाजसेवा में जुटी हुई हैं। वे आशादीप, उमंग फांउडेशन, समीक्षा जैसे संगठनों की सक्रिय सदस्य हैं और महिलाओं व दिव्यांगों के अधिकारों के लिए अधिकारों के प्रति जागरूकता अभियानों का संचालन कर रही हैं।

Theater Artist Shimla भारती कुठियाला विभिन्न संस्थाओं से जुड़ कर समाजसेवा में जुटी हुई हैं। वे आशादीप, उमंग फांउडेशन, समीक्षा जैसे संगठनों की सक्रिय सदस्य हैं और महिलाओं व दिव्यांगों के अधिकारों के लिए अधिकारों के प्रति जागरूकता अभियानों का संचालन कर रही हैं। वह नियमित रक्तदान करती आ रहीं हैं। 57 बार रक्तदान करने पर उन्हें राज्य महिला रक्तदाता सम्मान मिला है।

स्कूल और कॉलेज में लीडरशिप

31 अगस्त 1963 को शिमला के प्रतिष्ठित परिवार में पैदा हुई भारती ने उच्च शिक्षा हासिल की है। उन्होंने बीए ऑनर्स, हिन्दी में स्नातकोत्तर, विधि स्नातक, पत्रकारिता एवं योगा में स्नातकोत्तर डिप्लोमा किया है। भारती को राज्य शिक्षा बोर्ड की ओर से आयोजित यूथ फेस्टिवल में नाटक में जिला स्तर पर प्रथम और राज्य स्तर पर द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ। उन्होंने कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर पर वाद -विवाद, नाटक और कविताओं की प्रतियोगिता में भाग लेते हुए विभिन्न पुरस्कार जीते हैं। वह वर्ष 1978 से 1983 तक एनसीसी की सार्जेंट रही हैं। एनसीसी में राज्य स्तर के सी सर्टिफिकेट हासिल किए हैं और पांच बार राज्य स्तर के कैम्पों में भाग लिया है। वे कॉलेज मैगजीन की संपादक चुनी गईं। वर्ष1984 से 1987 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सक्रिय सदस्य रहीं और 1986- 87 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अधिवेशन में मंच से अविभाषण दिया।

प्रदेश की प्रथम महिला सचिव

भारती कुठियाला वर्ष 1992 में नगर पंचायत ढली में सचिव के पद पर नियुक्त हुईं। भारती के नाम प्रदेश के शहरी विकास विभाग के किसी स्थानीय निकाय में नियुक्त होने वाली प्रथम महिला सचिव होने का गौरव है। वर्ष 2011 की जनगणना के महत्वपूर्ण कार्य के लिए भारती को इंचार्ज ऑफिसर नियुक्त किया गया। जनगणना में उन्होंने शानदार कार्य किया और उनके इस उत्कृष्ठ कार्य के लिए राज्य स्तर पर सम्मानित किया गया। नगर पंचायत ढली और नगर निगम शिमला में रहते हुए उन्होंने वर्गों के लिए कई अहम कार्य किए हैं।

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