चंबा में ‘पैंथर’ के नाम से मशहूर हैं यह पुलिस अफसर, डीएसपी जितेंद्र चौधरी से थर- थर कांपते हैं नशे के सौगादर

चंबा में ‘पैंथर’ के नाम से मशहूर हैं यह पुलिस अफसर, डीएसपी जितेंद्र चौधरी से थर- थर कांपते हैं नशे के सौगादर
जन्मदिन मुबारक : चंबा में ‘पैंथर’ के नाम से मशहूर हैं यह पुलिस अफसर, डीएसपी जितेंद्र चौधरी से थर- थर कांपते हैं नशे के सौगादर
हिमाचल बिजनेस/ चंबा
चंबा जिला मुख्यालय में डीएसपी जितेंद्र चौधरी ‘पैंथर’ के नाम से मशहूर हैं। नशे के सौगादर थर- थर कांपते हैं। चरस माफिया उन्हें अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता था। चंबा में एनसीपीसी एक्ट के तहत सबसे ज्यादा नशे के कारोबारियों को दबोचने का रिकॉर्ड उनके नाम दर्ज है। डलहौजी, चंबा सदर, भरमौर और किहार के थाना प्रभारी रहते हुए उन्होंने नशा माफिया की रीढ़ तोड़ दी थी।
कई ब्लाइंड मर्डर को सॉल्व करने और अदालत से भगौड़े नामी अपराधियों को दबोचने में भी उन्होंने खूब सुर्खियां बटोरी। जितेंद्र चौधरी का जहां अपराधियों में खौफ है, वहीं आम जनता में नर्म दिल अफसर के तौर जाने जाते हैं। प्रदेश पुलिस विभाग ने उन्हें साल 2006 में उन्हें बेस्ट एसएचओ के अवार्ड से सम्मानित किया है।
अब डीएसपी के रोल में जितेंद्र चौधरी
जितेंद्र चौधरी डलहौजी, चंबा सदर, भरमौर, किहार, अम्ब और गगरेट पुलिस थानों ने स्टेशन हेड ऑफिसर (थानेदार) रहे हैं। साल 2012 में पदोन्नत हो कर पुलिस पुलिस उपाधीक्षक बने। उन्होंने सतर्कता विभाग में केलंग में सेवाएं प्रदान करने के बाद एसडीपीओ चंबा और अंब में सेवाएं प्रदान की हैं।
चौथी इंडिया रिर्ज़व बटालियन जंगलबैरी (हमीरपुर) में सहायक कंपनी कमांडर के पद पर रहने की बाद पिछले दो साल से चंबा पुलिस मुख्यालय में डीएसपी के पद पर तैनात हैं।
गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी के हीरे
कांगड़ा की फ़तेहपुर तहसील के पंजासरा गांव के एक शिक्षक के घर पैदा हुए जितेंद्र चौधरी की प्रारंभिक शिक्षा हाई स्कूल राजा का तालाब से हुई। नोन मेडिकल में स्नातक करने के बाद साल 1993 में गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर से ऐप जियो भौतिकी में स्नातकोतर की पढ़ाई पूरी की।
गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की परियोजना में 1995 तक तकनीकी सहायक के रूप में काम करने के बाद 1996 में हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ सेवायें बोर्ड की परीक्षा पास कर वे हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग में सब इंस्पेक्टर के रूप में शामिल हुए।
संयुक्त परिवार के लाडले बेटे
जितेंद्र चौधरी के पिता रिटायर्ड जेबीटी शिक्षक हैं, जबकि मां घरेलू महिला हैं। जितेंद्र चौधरी के एक भाई आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर के पद से सेवानिवृत हुए हैं।
उनके दूसरे भाई चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और तीसरे भाई का खुद का कंस्ट्रक्शन और एग्रीकल्चर बिजनेस है। उनकी एक बहन शिक्षिका हैं। जितेंद्र चौधरी की पत्नी घरेलू महिला हैं। उनके दो बच्चे हैं। उनकी बेटी ने डीएवी कॉलेज चंडीगढ़ से एमएससी तथा बेटे ने चिटकारा विश्वविद्यालय से बीटेक किया है।
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Jyoti maurya

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