क्यों कट्टर संघी शांता कुमार की आंखों के तारे हैं सुक्खू

जन्मदिन स्पेशल
क्यों कट्टर संघी शांता कुमार की आंखों के तारे हैं सुक्खू
सुखविंदर सिंह सुक्खू हमीरपुर के नादौन विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं, जो वर्त्तमान में हिमाचल प्रदेश के मुखयमंत्री हैं. आज उनका 61 वा जन्मदिन है
वे संघी शांता कुमार के आँख के तारे हैं.
लम्बे समय तक कोंग्रेस संगठन की राजनीती करते रहे शांता कुमार जैसे छोटे कद के सुखविंदर सिंह सुखू हिमाचल प्रदेश के ऐसे पहले मुख़्यमंत्री है जिन्हें विरोधी पार्टी के मुख्यमंत्री तारीफ करते है.
पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार कई बार वर्तमान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू के फैसलों पर उनकी पीठ थपथपा चुके हैं.
सुखविंदर सिंह सुखू प्रदेश की राजनीती में एक आम घर के युवा का प्रतिनिधित्व करते है.
वे ऐसी पारिवारिक पृष्टभूमि से आते है, जिस पृष्ठभूमि वाले परिवारों के बच्चो का प्रदेश की राजनीती के शीर्ष तक पहुँचना कोई कम बड़ी बात नहीं है.
सुखविंदर सिंह सुखू के व्यक्तित्व से सीखा जा सकता है कि अगर अपने लक्ष्य के प्रति अटिल है तो हम उसे हासिल कर सकते हैं.
सुखविंदर सिंह सुखू का जन्म नादौन तहसील के सेरा गांव में 27 मार्च 1964 को हुआ। उनके पिता रसील सिंह शिमला स्थित हिमाचल सड़क परिवहन निगम में ड्राइवर के तौर पर काम करते थे। जबकि उनकी मां संसार देई घर पर ही रहती हैं।उनके चार भाई-बहन भी है सुखविंदर सिंह सुक्खू दूसरे नंबर पर हैं| उनके बड़े भाई राजीव सेना से रिटायर हैं. उनकी दो छोटी बहनों की शादी हो चुकी है
सुखविंदर सिंह सुखू ने 11 जून 1998 में कमलेश ठाकुर के साथ शादी की.कमलेश ठाकुर काँगड़ा जिला के देहरा विधान सभा क्षेत्र की विधायक है
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एलएलबी तक की पढ़ाई की है.
सुक्खू ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI ) से की| संजौली कॉलेज में पहले कक्षा के क्लास रिप्रेसन्टेटिव और स्टूडेंट सेंट्रल एसोसिएशन के महासचिव चुने गये
उसके बाद राजकीय महाविद्यालय संजौली में स्टूडेंट सेंट्रल एसोसिएशन के अध्यक्ष चुने गए| 1988 से 1995 तक (NSUI ) के प्रदेशअध्यक्ष बने 1995 में युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव बने
सुखविंदर सिंह सुखू का राजनीती संघर्ष
कांग्रेस के स्वर्गीय नेता वीरभद्र सिंह और सुखविंदर सिंह सुखू के बीच काफी टकराव रहा इसके बावजूद भी वीरभद्र सिंह जैसा नेता के सामने भी सुखू कभी डगमगाए नहीं थे इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता की जब कांग्रेस के नेता वीरभद्र सिंह एक ताकतवर नेता हुआ करते थे तब सुखविंदर सिंह सुखू को हाशिये पर लाने की कई प्रयास हुए थे, बावजूद इसके अपनी राजनितिक प्रतिभा और इच्छा कौशल के दम पर सुखविंदर सिंह सुखू मुख़्यमंत्री के पद पर पहुंचे|
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