संजौली मस्जिद विवाद: प्रदर्शनकारियों ने तोड़ी बैरिकेडिंग, पुलिस ने किया लाठीचार्ज

संजौली मस्जिद विवाद: प्रदर्शनकारियों ने तोड़ी बैरिकेडिंग, पुलिस ने किया लाठीचार्ज
Sanjoli Mosque Dispute

हिमाचल बिसनेस/ शिमला

राजधानी शिमला के संजौली इलाके में मस्जिद को लेकर चल रहा हिंदू संगठनों का विरोध प्रदर्शन उग्र रूप धारण कर चुका है। संजौली मस्जिद विवाद के बाद लगी धारा 163 और प्रदर्शन की अनुमति न मिलने के बाद भी हजारों की संख्या में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता, स्थानीय लोग जमा हो गए हैं। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग की थी। प्रदर्शनकारी बैरिकेडिंग हटाकर ढली टनल के अंदर घुस गए और संजौली मस्जिद की तरफ कूच करने का प्रयास किया। इस दौरान पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को तोड़कर भीड़ नारेबाजी करते हुए संजौली की तरफ बढ़ी। यहां भी पुलिस ने बैरिकेडिंग की हुई थी लेकिन प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा घेरे को तोड़ दिया, जिस पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर दिया।

लाठीचार्ज के दौरान कुछ लोगों के घायल होने की सूचना है। यही नहीं, पुलिस की ओर से प्रदर्शनकारियों पर वाटर कैनन का प्रयोग भी किया गया। संजौली में हिंदू संगठनों के लोगों का प्रदर्शन लगातार जारी है, जिससे माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है, वहीं एसपी  और डीसी शिमला भी मौके पर डटे हुए हैं। पुलिस ने मस्जिद के पास भी सुरक्षा घेरे को बढ़ा दिया है।

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पीछे हटने का नाम नहीं ले रहे प्रदर्शनकारी

प्रदर्शनकारी 2 लेयर के पुलिस सुरक्षा घेरे को तोड़कर आगे बढ़ना शुरू हुए थे। लोग बैरिकेडिंग पर चढ़ गए और पुलिस की ओर से लगाए गए बैरिकेड को भीड़ ने उठाकर हटा दिया। इसके बाद पुलिस ने आगे बढ़ रहे लोगों पर लाठीचार्ज कर दिया। इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों की ओर से पथराव भी शुरू कर दिया गया, जिससे कई पुलिस कर्मी घायल हो गए। लाठीचार्ज के बाद माहौल और तनावपूर्ण हो गया। लोगों ने सड़क पर बैठकर ही नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। पुलिस ने समझा बुझाकर लोगों को वापस भेजा। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने का पूरा प्रयास किया है, लेकिन लोग अभी भी मौके पर डटे हुए हैं। पुलिस भी लगातार प्रदर्शनकारियों को समझाती नजर आ रही है, लेकिन भीड़ मौके से पीछे हटने का नाम नहीं ले रही है। कुल मिलाकर हालात को काबू करना अब पुलिस, प्रशासन और सरकार के लिए टेढ़ी खीर साबित हो सकता है। ये प्रदर्शन सिविल सोसायटी शिमला, हिंदू संघर्ष समिति के बैनर तले किया जा रहा है। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए जगह जगह बैरिकेडिंग की है। मस्जिद के पास पुलिस ने बैरिकेडिंग कर पुख्ता इंतजाम किए हैं

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विक्रमादित्य सिंह का बयान

हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्य के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने इस मुद्दे पर बयान दिया है। उन्होंने कहा, “हर किसी को शांतिपूर्ण ढंग से विरोध करने का अधिकार है, लेकिन ऐसी स्थिति नहीं उत्पन्न होनी चाहिए जिससे राज्य की शांति भंग हो। राज्य का कानून और व्यवस्था बिगड़ने नहीं दिया जा सकता। यह मामला अदालत में है और यदि इसे अवैध पाया जाता है, तो कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी और उसे गिराया जाएगा।

नरेश चौहान का इस मुद्दे पर बयान

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के मीडिया सलाहकार का भी इस मुद्दे पर बयान आया है। उन्होंने कहा कि यह अवैध निर्माण का मामला है, इसे मस्जिद विवाद से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। नरेश चौहान ने कहा कि लोगों ने इस मुद्दे पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया है। प्रशासन और पुलिस पूरी तरह से तैयार है ताकि शांति बनी रहे। हमने पहले ही धारा 163 लागू कर दी है।

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मस्जिद निर्माण का विवाद

हिंदू संगठनों की मांग है कि मस्जिद का अवैध निर्माण गिराया जाए। यह विवाद तब और भड़क उठा जब मलयाना में दो समुदायों के बीच झड़प हुई थी।  हाल ही में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने विधानसभा में मस्जिद निर्माण के मुद्दे पर कड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि संजौली बाजार में महिलाओं का चलना मुश्किल हो गया है। चोरी की घटनाएं हो रही हैं, लव जिहाद जैसी घटनाएं हो रही हैं, जो राज्य और देश के लिए खतरनाक हैं। मस्जिद का अवैध रूप से निर्माण किया गया है। पहले एक मंजिल बनाई गई, फिर बिना अनुमति के बाकी मंजिलें बनाई गईं। एक 5 मंजिला मस्जिद खड़ी कर दी गई है। प्रशासन से सवाल है कि मस्जिद के अवैध निर्माण के लिए बिजली और पानी की आपूर्ति क्यों नहीं काटी गई?

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ओवैसी का कांग्रेस पर हमला

AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हिमाचल प्रदेश के मंत्री अनिरुद्ध सिंह के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कांग्रेस पर बीजेपी की भाषा बोलने का आरोप लगाया था। ओवैसी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा था, हिमाचल सरकार बीजेपी की है या कांग्रेस की? हिमाचल की ‘मोहब्बत की दुकान’ में केवल नफरत भरी हुई है। यह मस्जिद विवाद न केवल स्थानीय मुद्दा बना हुआ है, बल्कि राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का भी विषय बन गया है। जहां एक ओर हिंदू संगठनों ने अवैध निर्माण के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, वहीं दूसरी ओर इस विवाद ने राज्य की राजनीति को गरमा दिया है। अब देखना यह होगा कि न्यायालय का क्या निर्णय आता है और प्रशासन किस तरह से कानून व्यवस्था बनाए रखता है।

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